लोक जनशक्ति पार्टी के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट को बीजेपी एलजेपी को देने के मूड में नहीं है। जेडीयू ने एलजेपी को सीट देने के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। माना जा रहा है कि यह सीट बीजेपी के खाते में जाएगी और बिहार के अन्य सत्ताधारी दल समर्थन करेंगे। जेडीयू और एलजेपी के बीच के तनाव के कारण यह स्थिति बनी है।

nitish kumar and chirag paswan file photo

इस सीट पर चिराग पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी का दावा होने के बावजूद जेडीयू की आपत्तियों के कारण यह उनके खाते में नहीं जा रही है। हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। इस कारण नीतीश कुमार की पार्टी मात्र 43 सीटों पर सिमट कर रह गई। चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा भेजना चाहते थे। हालांकि इन चर्चों के बीच ही जेडीयू के नेताओं ने बीजेपी के सामने अपनी राय रख दी थी। नाम न बताने की शर्त पर जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी कीमत पर एलजेपी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेगी।

नीतीश को नाराज नहीं करना चाहती बीजेपी

बीजेपी यह अच्छे से जानती है कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 125 सीटों के साथ एनडीए सरकार चलाने के लिए जेडीयू कितनी महत्वपूर्ण हैं। ऐसी स्थिति में बीजेपी नीतीश कुमार को नाराज नहीं करना चाहती है और पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने का मन बना लिया है। हालांकि जेडीयू की उम्मीदवारी को भी खारिज नहीं किया जा सकता है। लेकिन पिछले मार्च में हुए राज्यसभा के लिए चुनाव में बिहार कोटे की पांच सीटों में से एनडीए के खाते में तीन सीट आई थी। जेडीयू को इसमें से दो और बीजेपी को एक सीट पर जीत मिली थी।

बीजेपी भी एलजेपी को सीट देने के मूड में नहीं

जेडीयू की आपत्ति अपनी जगह है, लेकिन बीजेपी भी यह सीट एलजेपी को नहीं देना चाहती है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद बिहार की यह राज्यसभा सीट खाली हुई थी। बिहार बीजेपी के एक अधिकारी ने कहा कि यह हमारी सीट है। लोकसभा चुनाव के समय तय हुए फॉर्मूले के मुताबिक हमने दिवंगत रामविलास जी को यह सीट दी थी। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान को एनडीए के सभी नेताओं का सम्मान हासिल था। एलजेपी को भी अपने सीमाओं का अहसास हो गया है। पार्टी को बीजेपी की तरफ से खड़ा किया गया कोई भी उम्मीदवार स्वीकार्य होगा। एलजेपी के प्रवक्ता असरफ अंसारी ने कहा कि हमने बिहार की खाली हुए राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार खड़े करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर छोड़ दिया है।

सुशील मोदी और शाहनवाज हुसैन का नाम चर्चा में

इस सीट के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी और शाहनवाज हुसैन का नाम भी रेस में है। माना जा रहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता को इस बार डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया है, ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजकर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। वहीं शाहनवाज हुसैन काफी समय से राज्यसभा जाने के इंतजार में हैं और इस सीट के लिए एक मजबूत दावेदार हैं।

Source : Hindustan

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