लोन के जाल में फंसकर एक पूरा परिवार खत्म हो गया. 8 साल का बेटा, तीन साल की बेटी और पति-पत्नी सभी की जिंदगी एक लोन की वजह से खत्म हो गई. मगर लोन के इस जंजाल में ये परिवार फंसा कैसे? घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की है, जहां पति-पत्नी ने पहले बच्चों को जहर दिया और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

मगर ये मामला सिर्फ लोन का ही नहीं है बल्कि साइबर फ्रॉड का भी है. साइबर फ्रॉड और लोन के बोझ के तले दबे इस परिवार के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने मौत को गले लगा लेना ही मुनासिब समझा. इन सब में किसी गलती है, उसे कब तक सजा मिलेगी और आगे क्या होगा? ये सवाल कई पुराने मामलों में की तरह खड़े रहेंगे.

पहले भी कई लोग फंस चुके हैं

ये कोई पहला मामला नहीं है जब कर्ज और लोन ऐप्स के जाल में फंसे किसी शख्स ने आत्महत्या का चुनाव किया हो. कोरोनाकाल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी वजह से गूगल और ऐपल ने अपने ऐप स्टोर से कई ऐप्स को रिमूव भी किया है. मगर टेक कंपनियों की ये कोशिश पूरी नहीं है. इसके लिए आपको सतर्क रहना पड़ेगा.

इंटरनेट की दुनिया में लोन ऐप्स और फ्रॉड्स का जाल ना जाने कितने ही परिवार की खुशियां लील गया है. डिजिटल होती इस दुनिया में आपको कहीं भी ये लिखा नहीं मिलेगा कि फ्रॉड्स से सावधान रहें, लेकिन ये खुद को सुरक्षित रखने का सबसे सही तरीका है. डिजिटल वर्ल्ड में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.

कैसे चलता है फ्रॉड का खेल?

भोपाल वाले मामले में ही लोन से पहले कहानी शुरू होती है एक वर्क फ्रॉम होम वाले जॉब ऑफर से. अपने सुसाइड नोट में भूपेंद्र विश्वकर्मा ने साफ बताया कि उनके वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया था, जिसमें ऑनलाइन काम करने का ऑफर था. इस तरह के काम में फ्रॉडस्टर्स अक्सर लोगों को मनी फॉर लाइक जैसी जॉब ऑफर करते हैं.

जैसे आपको YouTube Video लाइक करने के लिए पैसे मिलेंगे. या फिर इंस्टाग्राम पर रील्स शेयर करने के पैसे मिलेंगे. इस तरह के काम में शुरुआती दिनों में यूजर्स को कुछ पैसे मिलते हैं. इसके बाद स्कैमर्स लोगों को एक बड़े ग्रुप में ऐड कर देते हैं और ज्यादा पैसे कमाने का लालच देते हैं.

जैसे ही कोई यूजर ज्यादा पैसों के लालच में पड़ता है, तो स्कैमर्स उसे कई तरह के प्रोजेक्ट्स में जोड़ने लगते हैं. फिर उन्हें कई तरह से पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाता है. जब कोई शख्स अपने इन्वेस्ट किए पैसों को निकालना चाहता है, तो उसे और पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाता है. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है.

पैसे इन्वेस्ट करने के लिए लेना पड़ा लोन

अपने सुसाइड नोट में मृतक ने साफ लिखा है कि उन्हें कंपनी ने लोन ऑफर किया था. ऐसे मामले में कई बार एक फ्रॉडस्टर्स ही लोन ऑफर करते हैं. इस तरह के इंस्टैंट लोन वाले कई ऐप्स आपको सोशल मीडिया पर अपना प्रचार करते हुए भी दिख जाएंगे. ये ऐप्स आपको मार्केट से कई गुना ज्यादा ब्याज दर पर लोन देते हैं.

मगर इनका खेल यहीं खत्म नहीं हो जाता है. बल्कि यहां से इनका खेल शुरू होता है. जैसे ही कोई शख्स इन प्लेटफॉर्म्स से लोन लेने के लिए इन ऐप्स को डाउनलोड करता है, तो ये यूजर्स से तमाम तरह की परमिशन ले लेते हैं. लोन लेने वाला शख्स इन पॉइंट्स पर ध्यान नहीं देता है, लेकिन ये ऐप्स उसके कॉन्टैक्ट और दूसरे फ्रेंड्स की डिटेल्स तक एक्सेस कर लेते हैं.

जब कोई शख्स लोन नहीं भर पाता है, तो ये उसके कॉन्टैक्ट को फोन करके या फिर वॉट्सऐप करके उस शख्स की छवि खराब करते हैं. कई बार लोन वसूलने के लिए रिश्तेदारों और दोस्तों को भी धमाकाया जाता है. धमकाने के इस प्रॉसेस में अश्लील फोटोज (मॉर्फ की हुई) बनाके वायरल करने की धमकी तक दी जाती है.

आपको क्या करना चाहिए?

सबसे पहला काम, तो ये हो कि आपको इस तरह के किसी भी जाल में फंसना नहीं चाहिए. यानी किसी भी वर्क फ्रॉम होम वाले जॉब के लालच में ना पडे़. अगर आप किसी कंपनी में काम करने की प्लानिंग भी कर रहे हैं, तो पूरी तरह से इसकी जांच पड़ताल कर लें. इसके बाद लोन ऐप्स का नंबर आता है.

भले ही इंस्टैंट लोन ऐप्स या वन टच लोन ऐप्स पर दिखाए जा रहे ऑफर्स लुभावने लगते हैं, लेकिन आपको किसी भी अनजान लोन ऐप्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए. किसी भी प्लेटफॉर्म से लोन लेने से पहले देख लें कि इसके एवज में वो आपसे क्या-क्या मांग रहा है. इन दोनों के बाद भी अगर आप किसी साइबर फ्रॉड के जाल में फंस जाएं, तो धैर्य नहीं छोड़ें.

सबसे पहले आपको पुलिस से संपर्क करना चाहिए. किसी भी तरह की धमकी से डरना नहीं चाहिए. पुलिस को पूरे मामले की जानकारी देते हुए एक शिकायत दर्ज कराएं. इंटरनेट की दुनिया में आपकी सावधानी की आपकी सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है.

Source : Aaj Tak

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD