लखनऊ. मुस्लिम धर्म में सबसे पवित्र महीना रमजान (Ramzan) अब खत्म होने की कगार पर है. पूरा महीना लॉकडाउन (Lockdown) के इस दौर में गुजर गया. रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा की नमाज पढ़ाई जाती है, जिसमें बड़ी तादाद में लोग नमाज पढ़ने मस्जिदों में आते हैं. अलविदा की नमाज के साथ ही रमजान खत्म होने के बाद दुनिया भर में ईद (EID) मनाई जाती है. इस बार 24 या 25 मई को ईद का त्यौहार मनाया जाएगा, लेकिन अगर लॉकडाउन का पीरियड बढ़ता है तो लोग अलविदा और ईद की नमाज कैसे पढ़ेंगे? इस पर दारुल उलूम फरंगी महल की तरफ से एक फतवा जारी किया गया है.
रमजान में जैसे पढ़ रहे नमाज, वैसे ही अलविदा की नमाज
ईदगाह के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ((AIMPLB)) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने फतवा जारी करते हुए कहा कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो लोग जिस तरह अभी घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, उसी तरह अलविदा और ईद की नमाज भी घरों में ही अदा करें. मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि ईद की नमाज के लिए नए कपड़ों की जरूरत नहीं है, जो भी कपड़ा अच्छा हो उसे पहनकर नमाज पढ़ी जाए. जिस तरह मस्जिदों में अभी 4 से 5 लोग नमाज अदा कर रहे हैं, वही लोग ईद और अलविदा की नमाज भी पढ़ेंगे.
ईद की खुशी अपने घर में मनाएं
लोगों से अपील करते हुए मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि ईद की खुशी अपने घर में मनाएं. न ही किसी के घर जाएं. न ही किसी से हाथ मिलाएं और न ही किसी के गले मिलें. ईद की नमाज अपने घरों में ही पढ़ें. मोबाइल के जरिए ही दोस्तों रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद दें. बता दें इससे पहले मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रमजान से पहले भी लोगों से अपील की थी कि घरों में रहें.
Input : News18