बिहार में कोरोना के खिलाफ जंग लगातार जारी है. ऐसे में गरीबों और मजबूरों की मदद के लिए पप्पू यादव पूरे तन-मन-धन से जुटे हुए हैं. जहां कहीं से जो कोई भी मदद की गुहार लगा रहा है वो तुरंत ही मदद पहुंचा रहे हैं.

इसी क्रम में जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को दिल्ली में लॉकडाउन के कारण भूख से परेशान गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के बीच राशन और नकद रुपया बांटा. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पार्टी इस विपत्ति की घड़ी में देश के लोगों के साथ खड़े हैं. हम अपनी तरफ से मदद पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

बिहार के मजदूरों को नहीं मिल रही है मदद

बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि सुशील मोदी बोल रहे है कि बाहर फंसे बिहारियों के खाते में 1,000 रूपये भेजे गए हैं. लेकिन मैंने जितने मजदूरों से बात की है उनमें से किसी के खाते में पैसे नहीं गए हैं. सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है. न प्रभावित लोगों को मदद मिल रही हैं और न ही बिहार में तेजी से कोरोना वायरस की जांच हो रही है.

बिहार के साथ सौतेला व्यवहार क्यों

जाप अध्यक्ष ने केन्द्र सरकार पर भी निशाना साधा और सवाल किया कि बिहार के साथ सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि गुजरात के फंसे लोगों को वापस घर पहुंचाने के लिए डीलक्स बस की व्यवस्था की गई. बिहार के फंसे लोगों के लिए बस और ट्रेन क्यों नहीं चल रही. 24 दिनों से बिहारी मजदूर दिल्ली, मुंबई, सूरत और दूसरे शहरों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं. भूख से ये सभी लोग परेशान हैं. इन तक न पर्याप्त भोजन पहुंच रहा है और न ही पैसा.

कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को हो रही समस्या का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि हजारों छात्र कोटा पढ़ने गए थे. ये देश के भविष्य हैं और सरकार ने इन्हें मुसीबत में इनके हाल पर छोड़ दिया है. आगे पप्पू यादव ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “विपक्ष गरीबों और मजदूरों की आवाज को जोरदार ढ़ंग से उठाने में असफल रहा है. विपक्ष के नेता अपने-अपने बंगले में बंद हैं और बिहारी दूसरे राज्यों में जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहे हैं.”

Input : Live Cities

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