मधुबनी. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Pandemic Coronavirus) के संकट के चलते न सिर्फ सभी की दिनचर्या में बदलाव आया है, बल्कि शादी-ब्याह के पारंपरिक तौर-तरीकों में भी खासा परिवर्तन दिखने लगा है. पहले जहां बैंड-बाजे और बारात के साथ शान-ओ-शौकत वाली शादियां होती थीं, वहीं कोरोना (COVID-19) से जारी जंग के बीच सादगी के साथ दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे का हाथ थामते दिख रहे हैं. मधुबनी में भी एक ऐसा वाकया सामने आया जहां लॉकडाउन में ऑनलाइन निकाह हुआ और अनलॉक 1.0 में दुल्हन ससुराल पहुंची.
ना बैंड बाजा, ना बारात,वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संपन्न हुआ निकाह
लॉकडाउन में अंधरा ठाढ़ी प्रखंड स्थित हरना गांव में भी एक मुस्लिम परिवार ने ताम-झाम की बजाय पूरी सादगी के साथ अपनी बेटी का निकाह संपन्न करवाकर समाज को सकारात्मक संदेश दिया है. दरअसल मधुबनी के हरना गांव निवासी शकील गाजी की पुत्री नगमा गाजी का निकाह कटिहार जिले के बरसाई गांव निवासी नफीस अहमद के साथ तय हुआ. 28 मार्च को बारात आनी थी, कार्ड बांटे जा चुके थे, वहीं बाहर रहने वाले नाते-रिश्तेदार निकाह में शरीक होने के लिए गांव पहुंच चुके थे. लेकिन निकाह से एक हफ्ते पहले कोरोना संकट के चलते देशव्यापी लॉकडाउन हो गया. शकील गाजी कहते हैं कि ‘पहले तो कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन सगे-संबंधियों और लड़का पक्ष से सलाह-मशविरा के बाद तय तिथि पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से निकाह पढ़वाने का फैसला लिया और लड़का-लड़की ने अपने-अपने घरों में ही टीवी स्क्रीन पर एक-दूसरे को देखकर निकाह का कबूलनामा पढ़ा’.
लॉकडाउन-01 में निकाह, अनलॉक-01 में विदाई
आखिरकार सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का ख्याल रखते हुए निकाह के करीब 2 महीने बाद अनलॉक-01 (Unlock 1.0) में दूल्हा ससुराल पहुंचा. दामाद की ससुराल में खूब आवभगत हुई, साथ ही निकाह के दौरान जो रस्में अधूरी रह गईं थी उसे पूरा करने के बाद सादगीपूर्ण माहौल में दूल्हे के साथ दुल्हन को विदा किया गया. कुल मिलाकर नजीर बन चुके इस निकाह की मधुबनी में हर कोई तारीफ कर रहा है. लड़की पक्ष के अकील अशरफ का कहना है कि ‘बेटी का निकाह धूम-धाम से करने का अरमान पूरा नहीं होने का अफसोस तो है, लेकिन सुकून इस बात का है कि संकट की इस घड़ी में हमारे परिवार ने समाज को एक सकारात्मक संदेश देने का काम किया’.
Input : News18