भारत कोरोना के खिलाफ पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ रहा है. अन्य कोरोना पीड़ित देशों की तुलना में भारत बेहतर स्थिति में भी है. लॉकडाउन के पहले चरण का आज अंतिम दिन था. आज पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया और जैसी उम्मीद लगाई जा रही थी लॉकडाउन की मियाद बढ़ गई.

लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस बार लॉकडाउन 19 दिनों का है. अब आप सोचेंगे कि हैरानी की बात क्या है. दरअसल ये लॉकडाउन न तो दो हफ्ते का हुआ न तीन हफ्ते का, न महीने की अंतिम तारीख है. सरकार 30 अप्रैल तक भी लॉकडाउन की मियाद बढ़ा सकती थी और जरुरत होने पर आगे ये मियाद बढ़ती. लेकिन 3 मई की तारीख क्यों तय की गई?

दरअसल केंद्र सरकार दूसरे चरण में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक ही बढ़ाना चाहती थी. लेकिन जानकारी के अनुसार राज्यों ने ये सुझाव दिया था कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाना चाहिए. इसे ऐसे समझें कि 30 अप्रैल तक लॉकडाउन होता तो भी एक मई को मजदूर दिवस की छुट्टी होती और 2-3 मई शनिवार-रविवार की छुट्टी होती. इसी कारण राज्यों ने लॉकडाउन को तीन दिन आगे बढ़ाने का सुझाव दिया.

अब सवाल ये है कि 21 दिन के लॉकडाउन और फिर 30 अप्रैल तक भी बंदी से ऐसा क्या नहीं हुआ जो महज तीन दिन में हो जाएगा. इसके पीछे की वजह ये है कि कोरोना संक्रमित लोगों में इसके लक्षण दिखने में 7 से 14 दिन का समय लगता है. ऐसे में अप्रैल के 16 दिन में जब मई के 3 और दिन जुड़ेंगे तो कोरोना की तस्वीर थोड़ी और स्पष्ट होगी. और अगर तीस अप्रैल को लॉकडाउन खत्म भी होता तो एक, दो और तीन मई छुट्टी के ही दिन हैं.

Input : Live Cities

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