प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाॅकडाउन 4.0 की अटकलों और राष्ट्र के नाम संबोधन के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नजदीक के राज्यों से जो आना चाहते हैं, उन प्रवासी मजदूरों को बसों से लाने की भी व्यवस्था करें। इसके लिए संबंधित राज्यों से समन्वय स्थापित करें और बसों से इन्हें लाना शुरू करें। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कोविड 19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण, निगरानी और रोकथाम के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा की और कई निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सात दिनों के अंदर अन्य राज्यों से आने वाले बिहार के इच्छुक लोगों को वापस लाएं। इसके लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई है, उसे शीघ्र पूरा करें। इच्छुक सभी लोगों को लाने के लिए भी संबंधित राज्यों से समन्वय बनाकर पूरी व्यवस्था सुनिश्चत करें। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन आपूर्ति, पल्स ऑक्सीमीटर और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं बढ़ाने का भी निर्देश दिया है। साथ ही आइसोलेशन बेड की संख्या शीघ्र बढ़ाने को कहा है। हेल्थ क्वारनटाइन सेंटर की संख्या भी बढ़ाने और पर्याप्त बेड तैयार रखने को कहा है।
प्रतिदिन दस हजार जांच सुनिश्चित कराएं
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि राज्य में प्रतिदिन दस हजार कोरोना जांच करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी आवश्यक उठाएं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब रैंडम जांच से काम नहीं चलेगा। सघन जांच आवश्यक है। अभी करीब दो हजार जांच प्रतिदिन करने की व्यवस्था है। इसे बढ़ाकर दस हजार करना है। गौरतलब हो कि दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के कारण कोरोना पॉजिटिव के मामलों में उछाल आया है। अभी आगे इनके आने का सिलसिला जारी भी रहेगा। साथ ही प्रवासी मजदूरों के अलावा अन्य इच्छुक लोगों को भी बिहार लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसको लेकर भी मुख्यमंत्री ने जांच का दायरा शीघ्र बढ़ाने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में जांच बढ़ाने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने सोमवार को आवश्यक उपकरण की शीघ्र आपूर्ति करने की बात कही थी।
निजी अस्पताल भी सामान्य रूप से चलें
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि अन्य बीमारियों के इलाज के लिए अस्पतालों में ओपीडी की व्यवस्था को दुरुस्त रखें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि निजी अस्पताल भी सामान्य रूप से चलें, इसको भी देखें। ताकि अन्य बीमारियों के इलाज में मरीजों को कठिनाई न हो।
Input : Hindustan