केंद्र सरकार ने पीएम पार्क मित्र योजना के तहत जिले में टेक्सटाइल पार्क के लिए हजार एकड़ जमीन की मांग की है। केंद्र के इस प्रस्ताव को उद्योग विभाग ने जिले को भेज दिया है। उद्योग विभाग ने जिला प्रशासन ने एक जगह विवादरहित हजार एकड़ जमीन की मांग की है, ताकि टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की जा सके। विभाग के निर्देश पर जिले में उपयुक्त जमीन की तलाश शुरू हो गई है।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसके लिए डीएम से प्रस्ताव की मांग की है। उन्होंने बताया है कि देश भर में करीब दो सौ जिलों में यह पार्क स्थापित किया जा रहा है। पार्क स्थापित करने के लिए प्रथम चरण में प्रति पार्क को तीन सौ करोड़ रुपये का केंद्रीय आवंटन दिया जाना है। टेक्सटाइल पार्क में धागा बनाने, कपड़ा बुनने, कपड़ा पर प्रिंटिंग से लेकर डिजायन तैयार करने तक का काम होना है। यह पार्क केंद्र व राज्य सरकार मिलकर स्थापित करेगी और इसमें पीपीपी मोड पर काम होना है। उद्योग विभाग के निर्देश के बाद जमीन उपलब्धता की समीक्षा शुरू हो गई है।
अबतक की समीक्षा में जो बात सामने आयी है, उसके अनुसार बेला व मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्र में इतनी जमीन उपलब्ध नहीं है। जमीन की उपलब्धता के लिए अब जिले के अन्य हिस्सों पर नजर दौड़ाई जा रही है।
अंचलों से मांगी जाएगी रिपोर्ट, खोज शुरू
अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में उद्योग विभाग सहित सभी अंचलों से रिपोर्ट मांगी जाएगी। जिले में हजार एकड़ का समेकित प्लॉट उपलब्ध होना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन रिपोर्ट आने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। वैसे जिले में टेक्सटाइल पार्क के लिए उद्योग विभाग के पास दो विकल्प मौजूद हैं। एक विकल्प तो बेला औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां उपलब्ध जमीन का रकबा पर्याप्त नहीं है। वहीं मोतीपुर में उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई चीनी मिल की जमीन है। यहां उद्योग विभाग को नौ सौ एकड़ जमीन आवंटित हुआ है, जिसमें से कुछ उद्योग को हरी झंडी मिली है। इसके अलावा हजार एकड़ जमीन की उपलब्धता अंचलों में हो सकती है, जिसकी खोज की जा रही है।
मंत्री ने कहा, विकास के लिए अवसर उपलब्ध
इस मामले में उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पीएम मैत्री पार्क का विकास जिस जिले में जमीन उपलब्ध होगा, किया जाएगा। सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे हजार एकड़ जमीन उपलब्ध करायें। टेक्सटाइल पार्क खुलने से जिले का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ेगा, लोगों की आर्थिक सेहत सुधरेगी। व्यवसाय को भी गति मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए संबंधित जिलों को 15 मार्च तक जमीन उपलब्धता की रिपोर्ट देनी है। जहां से भी उपलब्धता की रिपोर्ट मिलेगी, वहां काम शुरू किया जाएगा।
Source : Hindustan