सिर पर हैट. आंखों पे चश्मा. करीने से बनी हुई दाढ़ी. मखमली आवाज. नाम भरत मीणा. इसको यूट्यूब पर जिसने भी सुना, सुनता ही रह गया. एक बारगी ऐसा लगा मानों वो राजस्थानी म्यूज़िक इंडस्ट्री की नई उम्मीद हो. उसने ‘न्यारो राजस्थान ऑफिशियल’ के नाम से अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत भी की थी. इससे ये लगना लाजिमी था कि भरत को गीत-संगीत से, अपने राजस्थान के बेहद प्यार है. लेकिन इसका जब एक हैरतअंगेज रूप उसके फैंस ने देखा, तो मानो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई.

वैसे सिर्फ फैंस ही क्यों? खुद भरत लाल मीणा के घरवालों को भी उसकी खूबसूरत जिंदगी के पीछे छुपी इस स्याह हकीकत का पता नहीं था. भरत का ये गीत संगीत, ये अदाकारी. मौसिकी से उसका ये लगाव दरअसल एक फरेब था. वो असल में एक छंटा हुआ बैंक रॉबर था. एक ऐसा बैंक लुटेरा, जो हर साल किसी एक नए बैंक को टार्गेट करता, वहां से माल लूटता और फिर सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में अपने ख्वाबों को सच करने निकल जाता. लूट के पैसों से उसने कई गाने गाए. इससे पहले कि वो सचमुच एक बड़ा सितारा बन पाता, उसकी सच्चाई दुनिया के सामने आ गई. राजस्थान के एक छंटे हुए एक बैंक रॉबर की ये कहानी अपने आप में तिलस्मी है. पुलिसवाले भी हैरान हैं.

Sharda Heritage- Marriage Hall , Banquet Hall Muzaffarpur

शुक्रवार, 23 जनवरी सुबह 10:40 बजे

जयपुर के झोटवाड़ा में मौजूद पंजाब नेशनल बैंक के एक ब्रांच में बस दिन की शुरुआत होने ही वाली थी. मैनेजर समेत कुल तीन मुलाजिम अभी-अभी बैंक में पहुंचे थे. लेकिन इससे पहले कि बाकी के मुलाजिम भी बैंक पहुंचते, अपना-अपना काम संभालते दो नकाबपोश लुटेरे बैंक के अंदर दाखिल हो गए. मैनेजर ने जब सुबह-सुबह आ पहुंचे नकाबपोश लड़कों को टोका, तो उन्होंने पिस्टल निकाल ली और मैनेजर समेत बैंककर्मियों को धमकाने लगा. वो अब गन प्वाइंट पर मैनेजर को स्ट्रॉन्ग रूम तक ले जा कर लूटपाट करना चाहते थे. लेकिन इसी बीच कहानी में एक ऐसा ट्विस्ट आया, जो लुटेरों की सोच से परे था. लुटेरे लूटपाट में लगे ही थे कि तभी बैंक के कैशियर नरेंद्र सिंह शेखावत मौके पर पहुंच गए.

उन्होंने दोनों लुटेरों को अकेले दबोच लिया. अब दोनों को जान के लाले पड़ गए. बैंक के बाहर भीड़ इकट्ठी होने लगी. ये देख कर एक लुटेरे ने शेखावत पर फायरिंग कर दी. उन्हें पेट, पीठ और सीने के पास तीन गोलियां लगीं, लेकिन कमाल देखिए कि तीन-तीन गोलियां लगने के बावजूद उनका हौसला कमजोर नहीं पड़ा और वो दोनों को पकड़े रहे. हालांकि पकड़ ढीली पड़ने से एक लुटेरा तो मौके से फरार हो गया, लेकिन दूसरा भाग नहीं सका. फिर इसके बाद तो कहानी में पब्लिक की एंट्री हो गई और फिर पकड़े गए लुटेरे के साथ वही हुआ, जो आम तौर पर होता है. जल्द ही ये पता चल गया कि पकड़ा गया लुटेरा भरत सिंह मीणा है, जबकि भागने में कामयाब हो चुका लुटेरा उसका मौसेरा भाई मनोज मीणा.

लुटेरों की सच्चाई जान पुलिस के उड़े होश

इसके बाद इन लुटेरों की जो सच्चाई सामने आई, उसे जान कर पुलिस वालों के भी होश उड़ गए. ये लुटेरे सिर्फ खजाना लूटते थे. जी हां, खजाना यानी बैंक और वो भी साल में सिर्फ एक बार. इन लुटेरे भाइयों की इस अनोखी मॉडस ऑपरेंडी के बारे में करेंगे बात, लेकिन पहले एक सिंगर के लुटेरा बनने की असली कहानी जान लीजिए. भरत मीणा लुटेरा होने के साथ-साथ एक अच्छा सिंगर भी है. उसने जयपुर से ही संगीत की शिक्षा भी ली है. उसको भी अपने इस टैलेंट पर पूरा यकीन था, इसीलिए उसने अब से दो साल पहले यानी साल 2022 में न्यारो राजस्थान ऑफिशियल के नाम से एक यूट्यूब चैनल की शुरुआत की थी. लेकिन लाख कोशिश के बावजूद भरत का चैनल उस तरह से ग्रो नहीं कर पा रहा था.

भरत के चैनल पर सिर्फ 17 सौ सब्सक्राइबर हैं. ऐसे में उसके चाहने वालों ने उसे सलाह दी कि उसने ना सिर्फ अच्छा गाना होगा, बल्कि गाने के साथ-साथ शूट के लिए अच्छा कैमरा, वीडियो एडिटर, साउंड एडिटर और कैमरा पर्सन की भी जरूरत होगी. यानी इस काम में पैसा खर्च होगा. बस यहीं से उसने चैनल शुरू करने के साथ-साथ आसानी से पैसा कमाने के बारे में भी सोचना शुरू कर दिया और लूट की प्लानिंग बनाने लगा. इसके बाद उसने पहली लूट 8 फरवरी 2022 को विधायकपुरी थाना इलाके में मौजूद एक बैंक में की, जहां से उसने अपने साथियों के साथ 15 लाख 30 हजार रुपये लूटे. इसके बाद भरत और उसके गैंग ने अगली लूट 6 मार्च 2023 को अजमेर रोड पर मौजूद इंडियन ओवरसीज़ बैंक में की थी.

आखिरी लूट जान की दुश्मन बन गई

वहां से उन्होंने 10 लाख 73 हजार रुपये लूटे. तब आखिरी लूट की कोशिश झोटवाड़ा इलाके के पीएनबी बैंक की शाखा में की, जहां भरत भागने के चक्कर में भीड़ के हाथों दबोचा गया और उसकी अच्छी खासी पिटाई हुई. इत्तेफाक से इस लूटपाट के दौरान लुटेरे भरत ने जब फायरिंग की तो दो गोली उसके साथी मनोज मीणा के पैरों में भी लग गई. हालांकि इसके बावजूद वो भाग निकला, लेकिन बाद में पकड़ा गया. इसके बाद जब पुलिस ने गिरफ्त में आए लुटेरों से पूछताछ की, तो पता चला कि गैंग का सरगना भरत जयपुर में ही किराये के मकान में रहता है. उसके घर की तलाशी लेने पर पुलिस को बैंकों के नाम पते, नक्शे, पहले किए गए लूट के सिलसिले में अखबारों में छपी खबरों के कटआउट हाथ लगे.

आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो किसी भी बैंक को निशाना बनाने से पहले अच्छी तरह उसकी रेकी करते थे. फिर बैंक के अंदर और बाहर से जायजा लेकर उसका पूरा नक्शा तैयार करते थे. तब जाकर वो किसी बैंक पर धावा बोलते थे. शायद इस बार भी भरत और उसके भाई का थर्ड टार्गेट सक्सेस हो जाता था, अगर पीएनबी के कैशियर ने हिम्मत ना दिखाई होती. कैशियर नरेंद्र शेखावत ना सिर्फ उसने भिड़ गए, बल्कि उन्हें रोकने के चक्कर में हुई गोलीबारी से उनकी एक किडनी हमेशा-हमेशा के लिए खराब हो गई. उसे निकालना पड़ा. इस गैंग में भरत और उसके मौसेरे भाई मनोज के साथ-साथ उनका एक और भाई विनोद मीणा भी शामिल था, लेकिन बाद उसकी मौत हो गई थी.

लूट के पैसों से मौज-मस्ती करते थे लुटेरे

इससे पहले की वारदात को अंजाम देने के लिए विनोद मीणा ने ही रूट चार्ट तैयार किया था. पुलिस को सर्च में मास्टर माइंड विनोद मीणा के बैंक लूट की प्लानिंग के अपनी हस्त लिखित दस्तावेज मिले हैं. आरोपी वारदात के बाद मौका-ए-वारदात से कर्मचारियों के वाहन से फरार हो जाते थे और हर पांच किमी पर वाहन, कपड़े और अपना हुलिया बदल लेते थे. आरोपी लूट के रुपए से मौज-मस्ती करते थे. आरोपियों ने पूर्व में की गई बैंक लूट के रुपयों से कार खरीदी और जयपुर शहर के सिविल लाइंस एरिया में मकान किराए से लिया था. पुलिस ने अब इन लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद उनके कब्जे से लूट के रुपयों से खरीदी गई गाड़ी समेत दूसरी कई कीमती चीज़ें बरामद की हैं. आगे की जांच जारी है.

Source : Aaj Tak

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