ऐतिहासिक लंगट सिंह कॉलेज में पंद्रह पार्कों का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री के जल-जीवन-हरियाली में इसकी महती भूमिका होगी। ये पार्क कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रांगण में बनाए जाएंगे। इस दिशा में कार्य शुरू हो गया है। वर्तमान में तीन पार्कों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। प्राचार्य ओपी राय खुद निर्माण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। नैक मूल्यांकन के समय भी ये पार्क हरियाली की दृष्टि से अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही विद्यार्थी इसमें बैठकर प्रकृति की अद्भुत छटा के बीच पठन-पाठन भी कर सकते हैं।
डेढ़ लाख से अधिक लगाए जाएंगे पौधे
कॉलेज परिसर में बनने वाले इन पार्कों के लिए खास बात यह है कि ये पौधे कॉलेज परिसर में खुद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें अधिकतर रंग-बिरंगे फूलों के पौधे हैं। वर्तमान में तीन पार्कों को मिलाकर करीब 20 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। इनकी देखरेख कर रहे हरेंद्र कुमार ने बताया कि खुद से पौधा तैयार करने में खर्च कम आता है। फूलों से ही उसका बीज तैयार कर उसे फिर से उगाकर इन पार्कों में लगाया जाना है। कुछ पौधे बाहर से भी मंगाए जाएंगे।
फूलों की महक से गुलजार हुआ परिसर
अभी प्रकृति के मनोरम दृश्य का दर्शन करना है तो लंगट सिंह कॉलेज परिसर में बनाए गए इन पार्कों मेंं आइए। बाबू लंगट सिंह की मूर्ति के पास गांधी पार्क, गणित विभाग परिसर का पार्क और ड्यूक हॉस्टल के सामने स्थित परिसर में फूलों की अद्भुत क्वालिटी लगाई गई है। इसकी महक से पूरा परिसर पुलकित हो रहा है।
कल्पतरु आकर्षण का केंद्र
गांधी पार्क में एक कल्पतरु का भी पेड़ है। जानकार बताते हैं कि इसकी कीमत एक लाख रुपये से अधिक है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।
दूसरे कॉलेज भी अपना रहे यहां का मॉडल
एलएस कॉलेज में बनाए गए पार्कों की थीम पर दूसरे कॉलेजो में भी इसका निर्माण कराया जा रहा है।
इन फूलों के लगाए गए पौधे
सिनेरिया, डेंथस, कसमस, सेंट्रेस, कैंडुला, जंबो गेंदा, जाफरी गेंदा, सालविया, विंका, सूर्यमुखी, नेकटेशियम, एंटी हेनम, डॉग फ्लावर, सदाबहार, मोरपंखी, पॉपी, पिटुनिया, पमपम डालिया, पोटलाका, रंगन, मालेसरी, अंजीर, जेरेनियम, हैज, कामिनी, कोनिक्स पाम, एरिका पाम, फाइकस समेत अन्य सैंकड़ों प्रजाति के फूल।
ग्रीन एंड क्लीन परिसर
लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य ओम प्रकाश राय ने कहा कि कॉलेज का वातावरण बदल रहा है। ग्रीन एंड क्लीन परिसर हो इसको लेकर पार्क का निर्माण हो रहा है। तीन पार्क का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। शेष को भी शीघ्र शुरू किया जाएगा।
Input : Dainik Jagran