Organic fertilizer will prepared by the green waste of temples अब मंदिरों से निकलने वाले फूल, बेलपत्र और अन्य ग्रीन कचरे से एलएस कॉलेज में बॉयो डिग्रेडेबल तकनीकी की मदद से जैविक खाद का निर्माण किया जाएगा। कॉलेज परिस स्थित आर्ट्स विभाग में इसको लेकर पांच ब्लॉक का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। एक सप्ताह के भीतर इसमें खाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कॉलेज प्रशासन ने इसको लेकर नगर निगम से करार किया है। बाबा गरीबनाथ मंदिर के अलावा शहर के अन्य मंदिरों से निकलने वाले फूल, बेलपत्र, शहर से सब्जियों और केले के छिलके की आपूर्ति नगर निगम की ओर से कराई जाएगी।
- एक साथ 15 ट्रैक्टर ग्रीन कचरा स्टोर करने की है क्षमता
- कॉलेज परिसर स्थित आर्ट्स खंड में पांच ब्लॉक का निर्माण पूरा
किसानों को मिलेगी सस्ते दर पर खाद, बागवानी और पार्क में भी होगा उपयोग
बायो डिग्रेडेबल तकनीक से तैयार खाद को किसानों के बीच सस्ते दर पर वितरित करने की योजना है। साथ ही कॉलेज की बागवानी और पार्क में लगे पौधों के लिए भी इसका उपयोग होगा। कॉलेज की ओर से इस प्रोजेक्ट पर कार्य तेज कर दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर खाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि कॉलेज का नैक मूल्यांकन होना है। इसको लेकर कॉलेज में कई तरह के विकास कार्यो पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में यह प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है।
एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ.ओमप्रकाश राय ने बताया कि बायो डिग्रेडेबल प्रोजेक्ट के लिए ब्लॉक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। नगर निगम से इसको लेकर करार भी हो चुका है। अब एक सप्ताह में जब मंदिर खुलेंगे तो इसमें कचरा डालकर खाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
Input : Dainik Jagran