असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मदरसों को लेकर विवादास्पद बयान दिया है. सरमा ने कहा कि मदरसों को आतंकियों के ट्रेनिंग हब के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘इन मदरसों में तालीम के बजाय आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है. असम में अब तक ऐसे दो मदरसों को गिराया जा चुका है.’
हाल ही में असम के बरपेटा जिले में एक निजी मदरसे को गिरा दिया था. पुलिस के मुताबिक, मदरसा सरकारी जमीन पर बना था. यहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था. CM सरमा ने कहा, ‘जांच में पता चला है कि मदरसे में अल कायदा का ट्रेनिंग कैंप चल रहा था. यहां पढ़ाई-लिखाई नहीं होती थी.’
Assam chief minister Himanta Biswa Sarma said this was the second madrasa evicted by the authorities as they were running a terrorist hub, not an institution
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— Hindustan Times (@htTweets) August 29, 2022
पुलिस ने सीज की कार
पुलिस का दावा है कि मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का अलकायदा के बरपेटा मॉड्यूल के की-एलीमेंट्स थे. यह लोग बांग्लादेशी टेरर ऑपरेटिव्स को ट्रांसपोर्ट और अन्य दूसरे साजो-सामान पहुंचाते थे. पुलिस ने एक कार भी सीज की है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि ढहाया गया मदरसा बांग्लादेशी मोहम्मद सुमोन द्वारा भी इस्तेमाल होता था, जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था. वह असल में अलकायदा के स्लीपर सेल्स का मास्टरमाइंड था और अंसारुल्ला बांग्ला टीम जो कि बांग्लादेश में प्रतिबंधित है, उसका सदस्य था. पुलिस के मतुाबिक सुमोन इस निजी मदरसे में टीचर के रूप में आकर ठहरा करता था.
Assam CM Himanta Biswa Ups The Ante Against Radicalism As Cops Nab Terrorists Affiliated With Al Qaeda From Madrasas.#Assam #TNDIGITALVIDEOS pic.twitter.com/LmsE3sVK0Z
— TIMES NOW (@TimesNow) August 29, 2022
इससे पहले 23 मई को दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि देश में जब तक मदरसे रहेंगे, तब तक बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने के बारे में नहीं सोच पाएंगे. सरमा ने इस दौरान कहा था कि अगर आप बच्चों को धर्म से जुड़ी शिक्षा देना चाहते हैं, तो घर पर दें, उसके लिए मदरसे का होना जरूरी नहीं है.
2020 में मदरसों का सरकारी अनुदान बंद हुआ
बता दें कि असम सरकार ने 2020 में मदरसों को अनुदान देना बंद कर दिया था. हिमंत उस समय राज्य के शिक्षा मंत्री थे. इस फैसले के बाद राज्य में करीब 800 मदरसे बंद हो गए थे. हालांकि, 1000 से ज्यादा निजी मदरसे अब भी चल रहे हैं. इनका संचालन ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया करती है.
सीएम ने लोगों से की थी अपील
सीएम ने राज्य के लोगों से अपील की थी कि अगर राज्य में कोई भी बाहरी इमाम आता है तो पुलिस को खबर दें. ऐसे इमाम के पास अपने बच्चों को पढ़ने कतई न भेजें, इससे आपके घर की खुशियां तबाही में बदल सकती हैं. मदरसों के संचालकों से भी मेरा अनुरोध है कि किसी बाहरी को मदरसे में बच्चों को पढ़ाने की अनुमति न दें.