बिहार के 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) गठबंधन ने एक हद तक विपक्ष के सभी समकरणों को ध्वस्त कर दिया. इसका असर मिथिला में भी देखने को मिला. दरभंगा, मधुबनी, झंझारपुर, समस्तीपुर और उजियारपुर सहित सभी सीटों पर जीत दर्ज की है. मधुबनी में तो बीजेपी उम्मीदवार ने एक रिकॉर्ड कायम किया है. पूरे बिहार में सबसे अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीत दर्ज की है.

मधुबनी सीट से चुनाव लड़ रहे अशोक कुमार यादव ने शानदार तरीके से अपनी बेवाक छवि के लिए मशहूर अपने पिता यानी हुकुमदेव नारायण यादव की विरासत बचाई है. बीजेपी के टिकट पर हुकुमदेव नारायण यादव तीन बार चुनाव जीत. 1999, 2009 और 2014 में उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की.

मधुबनी : हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे ने बचाई पिता की विरासत, रिकॉर्ड मतों से की जीत दर्ज

2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में खास कर हिंदी पट्टी में कथित मोदी लहर के बावजूद हुकुमदेव नारायण महज 20 हजार मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. वहीं, इस चुनाव में उनके बेटे और पूर्व विधायक अशोक कुमार यादव ने रिकॉर्ड 4,54,940 मतों से जीत दर्ज की है. त्रिकोणीय संघर्ष होने के बावजूद उन्होंने यह जीत दर्ज की है.

प्रत्याशियों को मिले मतों के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो बीजेपी उम्मीदवार अशोक यादव के खाते में कुल 61.83 प्रतिशत मत आए हैं. उन्हें कुल 5,94,811 मत मिले. इसके बाद विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बद्री कुमार पूर्वे के खाते में कुल 1,40,903 मतों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. वहीं, कांग्रेस से बागी तेवर अपनाकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद 131530 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. दोनों ही प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.

Input : Zee News

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