राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने लोकप्रिय वेब सीरीज ‘पंचायत’ का उल्लेख किया। उन्होंने सीरीज के फुलेरा गांव के ग्राम प्रधान के एक किरदार का उदाहरण देकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों की शिकायत करते हुए कहा कि जनता का चुनाव आयोग पर भरोसा कम हो रहा है। मनोज झा ने एक सर्वे का भी हवाला दिया, जिसमें चुनाव आयोग की साख पर सवाल खड़े हुए हैं।
इलेक्शन कमीशन के क्रेडिबिलिटी पर एक सर्वे हुआ, बस 28% लोगों का भरोसा इलेक्शन कमीशन पर है।
इससे ज्यादा भरोसा तो पंचायत वेब सीरीज के फुलेरा ग्राम प्रधान का है।
– मनोज झा सर pic.twitter.com/QpH3snyCpY
— Kanchana Yadav (@Kanchanyadav000) July 1, 2024
मनोज झा ने कहा, “मैं पूरे चुनाव के दौरान बिहार में था। भले ही हमारी सीटें कम आईं, लेकिन हमने बिहार में हवा बदली। आज नौकरी का मतलब तेजस्वी ही है। चुनाव के वक्त कई अनियमितताएं हुईं। हमने मुजरा, मंगलसूत्र, टोंटी तोड़ने जैसी बातें सुनीं। हमने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की, लेकिन हमें सिर्फ दो दिन पहले एक मेल मिला, जिसमें हमसे मोबाइल नंबर और नाम पूछा गया।”
उन्होंने आगे कहा, “चुनाव आयोग की साख पर एक सर्वे किया गया, जिसमें सिर्फ 28% लोगों का भरोसा चुनाव आयोग पर है। इससे ज्यादा भरोसा तो ‘पंचायत’ वेब सीरीज के फुलेरा ग्राम प्रधान का है।”
‘पंचायत’ वेब सीरीज में फुलेरा गांव की ग्राम प्रधान मंजू देवी का किरदार नीना गुप्ता निभा रही हैं। मंजू देवी के प्रधान पति का रोल रघुबीर यादव ने किया है। इस सीरीज में ग्राम प्रधान अपने गांव की तरक्की के लिए कई योजनाएं लाती हैं, लेकिन गांव में कई आरोप लगते हैं कि प्रधान मंजू देवी का झुकाव एक पक्ष की ओर है और वह आवंटित राशि और सरकारी योजनाओं का लाभ उसी पक्ष को देती हैं। फुलेरा में प्रधानमंत्री आवास योजना और पीएम शौचालय योजना का लाभ हर किसी को नहीं मिल रहा है। इन्हीं मुद्दों के बीच सीरीज की कहानी आगे बढ़ती है।
मनोज झा ने ‘पंचायत’ वेब सीरीज के माध्यम से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गहरा कटाक्ष किया है, जिससे यह सवाल उठता है कि चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता को कैसे बहाल किया जा सकता है। उनकी इस टिप्पणी ने राज्यसभा में एक नई चर्चा को जन्म दिया है और यह देखना होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।