आज यानी कि 25 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ प्रारंभ हो गया है। आज चैती छठ का पहला दिन यानी कि नहाय खाय है। बता दें कि चार दिवसीय चैती छठ का प्रारंभ रवि योग में हुआ है। मालूम हो कि इस योग में सूर्य का प्रभाव होता है और चैती छठ भी सूर्य की उपासना का महा पर्व है।
चैती छठ की महत्वपूर्ण तिथियां
25 मार्च, शनिवार को नहाय खाय( रवि योग)
26 मार्च, रविवार को खरना ( प्रीति और रवि योग)
27 मार्च, सोमवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य, समय: शाम 06:36 बजे (आयुष्मान, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग)
28 मार्च, मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, पारण के साथ व्रत का समापन का समय: सुबह 06:16 बजे (सौभाग्य, सर्वार्थ सिद्धि और द्विपुष्कर योग)
बता दें कि ज्योतिषों के मुताबिक इस बार चैती छठ में कई शुभ योग बन रहे हैं। इस बार चैती छठ के प्रारंभ और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने वाले दिन रवि योग बना है। वहीं जिस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को जल अर्पित करके पूजा की जाएगी, उस दिन द्विपुष्कर योग बना है। कहते हैं कि द्विपुष्कर योग में पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।
बता दें कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मनाया जाता है। इसे चैती छठ कहते है, जबकि एक छठ कार्तिक माह में मनाया जाता है। बिहार में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाएं अपने संतान की उत्तम स्वास्थय और उन्नति के लिए 36 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं।