पूजा सिंघल एक ऐसा नाम है जो कुछ दिन पहले तक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी करने वालों के लिए नजीर माना जाता था. हर स्टूडेंट्स की ख्वाहिश होती थी कि वह पूजा सिंघल की तरह कम उम्र में ही आईएएस बन जाए. पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार के आरोप पहले भी लगते रहे लेकिन इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया. लेकिन कभी आईएएस से शादी फिर उससे तलाक और फिर एक बिजनेसमैन से विवाह की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में बनी रहीं. उनकी छवि एक तेजतर्रार और महात्वाकांक्षी अधिकारी के रूप में बनी रही. सरकारें आती जाती रहीं लेकिन उन्हें महत्वपूर्ण पद मिलते रहे. अब वह फिर विवादों में हैं. मिथक टूट चुका है, आदर्श मानने वालों के मन में सवाल हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?
झारखंड कैडर की IAS अफसर पूजा सिंघल प्रवर्तन निदेशालय (ED) छापों के बाद फिर सुर्खियों में हैं. मनरेगा फंड में हेराफेरी से जुड़े मामले में की गई कार्रवाई में महिला अफसर के करीबियों के घर से बड़ी मात्रा में पैसा मिला है. रांची स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापेमारी के दौरान 19 करोड़ 31 लाख रुपए जब्त किए गए. यह सीए सुमन कुमार सीनियर आईएएस पूजा सिंघल का करीबी बताया जा रहा है.
पूजा सिंघल को एक मल्टी टैलेंटेड यानी बहु प्रतिभाशाली नौकरशाह के रूप में जाना जाता था और उनकी झोली में कई रिकॉर्ड हैं. उन्होंने महज 21 साल की उम्र में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर ली थी. 2000 बैच की IAS सिंघल ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया था.
बिजनेसमैन से की दूसरी शादी
2000 बैच की आईएएस पूजा की शादी झारखंड कैडर के आईएएस राहुल पुरवार से हुई थी. लेकिन ये शादी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई. पूजा ने फिर से बिजनेसमैन और पल्स हॉस्पिटल के मालिक अभिषेक झा से शादी कर ली.
हजारीबाग में मिली पहली पोस्टिंग
आईएएस बनने के बाद पूजा सिंघल की पहली पोस्टिंग झारखंड के हजारीबाग में हुई थी. 16 फरवरी 2009 से 14 जुलाई 2010 की अवधि के दौरान जब पूजा सिंघल खूंटी में तैनात थीं, तो उन्हें मनरेगा फंड से 18 करोड़ की हेराफेरी के आरोप का सामना करना पड़ा था. साथ ही झारखंड के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को भी संरक्षण देने के आरोप लगे थे. 2020 में हुई गिरफ्तारी के बाद राम विनोद सिन्हा का नाम कुछ आईएएस के लिए परेशानी का कारण बन गया था और उनमें पूजा सिंघल भी एक थीं.
पलामू में भी विवाद
यही नहीं, जब पूजा सिंघल चतरा की डिप्टी कमिश्नर थीं, तब भी उनके खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए गए थे. वह 4 करोड़ रुपये के मनरेगा फंड की हेराफेरी के लिए विवाद में आ गई थीं. उन्होंने पलामू में भी खदानों के लिए नियमों में ढील देकर जमीन आवंटित की थी.
हर सरकार में तगड़ी पकड़ रही
हैरानी की बात यह है कि सभी सरकारों के साथ IAS पूजा सिंघल के अच्छे संबंध रहे और वह अपने लिए मनचाहा पद हासिल करने में सक्षम थीं. बीजेपी की रघुबर दास सरकार में वह कृषि विभाग की सचिव थीं. लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भी वह लंबे समय तक मुख्य धारा से बाहर नहीं रहीं. हेमंत सरकार ने भी उन्हें पोस्ट किया और खदान, उद्योग और जेएसएमडीसी के अध्यक्ष जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी.
Source : Aaj Tak