पटना : राजधानी में जलजमाव की जांच तीन सदस्यीय समिति से कराने को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग ने पल्ला झाड़ लिया है। फजीहत के बाद नगर विकास मंत्री अपने बयान से पलट गए हैं। विभागीय मंत्री सुरेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा है कि जलजमाव और आपदा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक के बाद ही किसी कमेटी के गठन पर फैसला लिया जाएगा। जांच की घोषणा से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी हैरत में पड़ गए। शर्मा ने कहा कि अफसरों ने अपने मन से जांच कमेटी बना दी थी। यह मान्य नहीं है।

नगर विकास एवं आवास मंत्री बोले, अधिकारियों ने मुझसे पूछे बगैर जारी किया आदेश

बता दें कि नगर विकास एवं आवास विभाग ने 10 अक्टूबर को तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच कराने का एलान किया था। कमेटी में विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार को अध्यक्ष और बुडको के प्रबंध निदेशक अमरेंद्र सिंह एवं पटना नगर निगम के आयुक्त अमित पांडे को सदस्य बनाया गया था। बकौल सुरेश शर्मा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक के बाद जांच कमेटी पर कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने 10 अक्टूबर को जारी आदेश के बारे में कहा कि विभाग ने बगैर उनसे पूछे आदेश जारी कर दिया था। दरअसल, नीतीश कुमार ने 14 अक्टूबर को पटना में जलजमाव और ड्रेनेज सिस्टम पर चर्चा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। उधर, नगर विकास विभाग ने आनन-फानन में जिन अधिकारियों की जांच कमेटी बनाई है, उनके ऊपर ही पटना को जलजमाव से बचाने की जवाबदेही थी। लापरवाही का आरोप भी उन्हीं पर लगा था। ऐसे में सरकार की लगातार फजीहत हो रही थी। लिहाजा सरकार की नाराजगी के बाद मंत्री सुरेश शर्मा भी अपने फैसले से पल्ला झाड़ लिया है।

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