अंचल स्तर पर ऑनलाइन सेवाओं, विशेषकर दाखिल-खारिज से संबंधित मामलों को बिना ठोस कारण अस्वीकृत करने वाले अंचलाधिकारी (सीओ) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्रम एवं नियोजन संस्थान के सभागार में आयोजित बैठक में मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने निर्देश दिया कि जानबूझकर या लापरवाही से आवेदन खारिज करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने 170 अंचलों के सीओ के साथ बैठक कर ऑनलाइन सेवाओं की समीक्षा की और पाया कि कई मामलों में अस्वीकृति की दर बहुत अधिक है। कई बार यह निर्णय जल्दबाजी या निजी स्वार्थों के कारण होते हैं, जिससे आवेदकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है। मंत्री ने कहा कि कई बार वरीय अधिकारियों द्वारा पुनः जांच में सीओ का निर्णय गलत साबित होता है, जिससे आवेदक का काफी नुकसान हो चुका होता है।

सुप्पी अंचल में सबसे अधिक अस्वीकृत मामले

सीओ की समीक्षा में पाया गया कि सीतामढ़ी जिले के सुप्पी अंचल में दाखिल-खारिज के 47.93% आवेदन अस्वीकृत हुए हैं, जो कि सबसे अधिक है। पटना के पंडारक में 44% और बेगूसराय के शाम्हो अखहा कुरहा में 39.9% आवेदन अस्वीकृत हुए हैं, जो क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

अक्टूबर तक म्यूटेशन के मामलों को घटाने का निर्देश

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी सीओ को अक्टूबर तक अपने प्रदर्शन में सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने अस्वीकृत मामलों की रैंडम जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि जिन सीओ की मासिक रैंकिंग खराब रहेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सचिव जय सिंह ने सीओ से कहा कि वे अपने कर्मचारियों के साथ नियमित बैठक कर लंबित मामलों की प्रगति पर नजर रखें।

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