अफ्रीकी देश कांगो में लोकतंत्र बहाल कर 13 महीने बाद भारत लौटे जमालपुर के लाल अमित कुमार को नए सरकार के गठन के बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से सम्मानित किया जाएगा। अमित के साथ-साथ कांगो गए अन्य 12 जवानों को भी सम्मानित किए जाने की योजना है। प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी एनडीए सरकार के गठन के बाद अगले महीने में इन जवानों को सम्मानित किया जा सकता है।

उल्लेखनीय हैै कि विश्व शांति और मानवता के काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ ने कांगो की तानाशाही सरकार को उखाड़ कर जनतंत्र की स्थापना के लिए 140 शांति सैनिकों का दल भेजा था। इस दल में अमित कुमार इकलौते बिहारी अधिकारी थे। टीम के साथ कांगो पहुंचे अमित को वहां कई कठिनाइयों से जूझना पड़ा। फिर भी अमित ने हिम्मत नहीं हारी। 13 महीने के मिशन को अमित और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया।

कांगो से लौट कर जमालपुर पहुंचने के बाद भारतीय तिब्बत सीमा बल के असिस्टेंट कमांडेंट अमित ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को अफ्रीका में शांति बहाली के लिए खासा जद्दोजहद करना पड़ा। वहां की भूखमरी, बेरोजगारी, अशिक्षा की समस्या के बीच अभियान की सफलता के लिए प्रत्येक सैनिकों ने जी जान से मेहनत किया।

जमालपुर में पूरी हुई है अमित की शिक्षा

उल्लेखनीय है कि अमित कुमार मिनी गांधी के नाम से मशहूर पूर्व सांसद एवं तिलकामांझी विश्वविद्यालय के गांधी विचार प्रभाग के पूर्व विभागीयध्यक्ष तथा पूर्व कुलपति डां रामजी सिंह के चचेरे नाती और इंटरनेशनल कॉलेज घौसेट के पूर्व प्राचार्य डॉ योगेंद्र कुमार सिंह के पुत्र हैं। अमित कुमार की प्रारंभिक शिक्षा जमालपुर प्रखंड के इंद्ररुख गांव में अपने नाना किसान केदार सिंह के यहां पूरी हुई थी। इसके पहले अंतरराष्ट्रीय सैनिक प्रशिक्षकों द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के सैनिक छावनी में कठोर प्रशिक्षण अमित सहित सभी 140 अधिकारियों को दिया गया। इस प्रशिक्षण में विशेषकर फ्रेंच भाषा का ज्ञान के अलावे बीआईपी ऑपरेशन पूरा करने की जानकारी दी गई।

Input : Dainik Bhaskar

 

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