रेलवे ने फैसला किया है कि तकनीकी विकास के साथ गैर जरूरी हो गए पदों को खत्म करने के साथ ही अगले साल 1,48,463 लोगों को नौकरी दी जाएगी. रेलवे का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले 18 महीनों में सभी सरकारी विभागों और मंत्रालयों में 10 लाख लोगों की भर्ती करने के निर्देश के बाद सामने आया है. रेलवे ने जानकारी दी है कि 2014-15 से 2021-22 तक उसने कुल 3,49,422 लोगों को नौकरी दी है. जिसका सालाना औसत 43,678 था. जबकि 2022-23 में रेलवे 1,48,463 लोगों की भर्ती करेगा.
बिजनेस स्टैंडर्ड डॉटकॉम में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक रेलवे ने पिछले छह साल में गैर जरूरी करार देकर 72,000 से अधिक नौकरियों को खत्म कर दिया है. जबकि रेलवे के कई विभागों से 81,000 पदों को खत्म करने का प्रस्ताव दिया गया था. रेलवे से जिन नौकरियों को खत्म किया गया है, वे सभी ग्रुप सी और डी से जुड़े पद हैं. ये सभी नौकरियां रेलवे में लगातार नई तकनीक और प्रौद्योगिकी के उपयोग के कारण अब बेकार हो गईं हैं. भविष्य में इन पदों पर भर्ती को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. मौजूदा समय में ऐसे पदों पर कार्य कर रहे रेलवे के कर्मचारियों को रेलवे के विभिन्न विभागों में समायोजित किए जाने की संभावना है.
रेलवे का कहना है कि इन सभी पदों को इसलिए खत्म करना पड़ा, क्योंकि रेलवे का संचालन आधुनिक और डिजिटल हो गया है. उत्तर रेलवे ने जहां 9,000 से अधिक पदों को खत्म किया है, वहीं दक्षिण पूर्व रेलवे ने लगभग 4,677 पदों को समाप्त कर दिया है. जबकि दक्षिण रेलवे ने 7,524 और पूर्वी रेलवे ने 5,700 से अधिक पदों को खत्म कर दिया है. गौरतलब है कि देश में सरकारी नौकरियों में सबसे ज्यादा हिस्सा रेलवे का है. केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर केंद्र सरकार के 31.33 लाख कर्मचारियों में रेलवे का हिस्सा 40.55 प्रतिशत है.
Source : News18