आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आखिरी बजट पेश करने वाली हैं। यह अगले साल के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जो कि बढ़ती ब्याज दरों और धीमी वैश्चिक वृद्धि के बीच पेश होने वाला है। बजट के इतिहास पर नजर डालें तो 1947 से लेकर 2018 तक बजट एक लाल रंग के ब्रीफकेस में लाया जाता था। लेकिन साल 2029 में मोदी सरकार ने पहली बार इस परंपरा को बदला और बजट लाल रंग के ब्रीफकेस की बजाय लाल कपड़े में लपेटकर बही-खाते के रूप में लाया जाने लगा।
2019 से पहले वित्तमंत्री लाल रंग के ब्रीफकेस को लेकर संसद भवन जाते थे। लेकिन इसके बाद इसे लाने का अंदाज ही बदल गया। 2019 में बजट लाल कपड़े में पैक बहीखाते में आने लगा। वहीं, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 में बजट पेश करने के लिए लाल कपड़े में लिपटा टैबलेट लेकर संसद भवन पहुंचीं थीं। इस लाल रंग के कपड़े के ऊपर गोल्डन कलर का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अशोख स्तम्भ भी छपा दिखाई देता है।
अंग्रेजों ने शुरू की थी ये परंपरा
हर साल देश के वित्तमंत्री आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करने के लिए लाल रंग का ब्रीफकेस लेकर संसद आते थे। लेकिन क्या आपको मालूम है कि यह परंपरा भारतीय नहीं है। इसकी शुरुआत अंग्रेजों ने की थी। लाल रंग के इस थैले को फ्रेंच भाषा में बोजेट या बुगेट कहते हैं। साल 1733 में पहली बार ब्रिटेन के वित्तमंत्री चमड़े का थैला लेकर बजट पेश करने पहुंचे थे।
पहले शाम को पेश होते थे बजट
पीएम मोदी से पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बजट पेश करने का समय बदला था। पहले आम बजट शाम पांच बजे पेश करने का रिवाज था। लेकिन साल 1999 के बाद इस प्रथा को बदला गया और तत्काल वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने 5 बजे की बजाय सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश किया।
बजट की तारीख भी बदली
इससे पहले केंद्र सरकार 28 या 29 फरवरी को ही संसद में नए वित्त वर्ष का बजट पेश करती थी। लेकिन मोदी सरकार ने इसे बदलकर 1 फरवरी कर दिया। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट 1 फरवरी 2023 को पेश किया जाएगा।
Source : India TV