सरकार ने सहारा रिफंड मामले में निवेशकों की शिकायतों के निपटारे के लिए पिछले साल ‘CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल’ (Sahara Refund Portal) लॉन्च किया था। एक साल के भीतर, इस पोर्टल के माध्यम से सहारा के 4 लाख 20 हजार निवेशकों को 362 करोड़ 91 लाख रुपये की वापसी की गई है। हालांकि, इस पर सवाल उठाए गए हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने पिछले साल 29 मार्च को घोषणा की थी कि सहारा की चार कोऑपरेटिव सोसाइटी के 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के भीतर पूरा पैसा वापस किया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 24 जुलाई को राज्यसभा में बताया कि 16 जुलाई तक सहारा के 4 लाख 20 हजार 417 निवेशकों को रिफंड किया गया है। उन्होंने बताया कि यह रिफंड CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से किया गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल 29 मार्च को लॉन्च किया गया था। वर्तमान में, हर एक डिपॉजिटर को आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में 10 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
सहारा के लगभग 13 करोड़ ग्राहक हैं और कुल 1 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं, जिसमें से 47 हजार करोड़ रुपये सहकारी समितियों में जमा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में इन रिफंड के लिए 5000 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया था। सरकार का दावा था कि इससे 10 करोड़ लोगों को लाभ होगा।
पिछले साल तक 138 करोड़ रुपये वापस हुए थे। सहारा इंडिया में निवेशकों के पैसे सालों से फंसे हुए हैं। 2022 में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया था कि सहारा इंडिया ने 2.32 करोड़ से अधिक निवेशकों से 19 हजार 400 करोड़ रुपये जुटाए थे। वहीं, सहारा हाउजिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिनमें से 138.07 करोड़ रुपये ही लौटाए गए थे।