राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पिछले महीने उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के मामले में फरहाद मोहम्मद शेख नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. मामले में अब तक कुल सात लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. एनआईए के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने बताया कि शेख उर्फ बाबला को शनिवार शाम गिरफ्तार किया गया. प्रवक्ता ने कहा कि शेख दो मुख्य आरोपियों में से एक रियाज अख्तरी का ‘करीबी आपराधिक सहयोगी’ है और उसने दर्जी को मारने की साजिश में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया.
कन्हैया लाल की 28 जून को सिलाई की उनकी दुकान के अंदर चाकू से वार कर हत्या कर दी गई थी. रियाज अख्तरी द्वारा दर्जी पर किए गए भीषण हमले को गौस मोहम्मद ने एक फोन के जरिये रिकॉर्ड किया और वीडियो को ऑनलाइन पोस्ट किया था. दोनों ने बाद में एक वीडियो में कहा था कि उन्होंने इस्लाम के कथित अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैया लाल की हत्या कर दी. हत्या के कुछ ही घंटों बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
घटना के तुरंत बाद चार आरोपी हुए थे गिरफ्तार
दोनों के खिलाफ सबूत के तौर पर उनके द्वारा तैयार वीडियो है. इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों ने दो और व्यक्तियों-मोहसिन और आसिफ की पहचान की-जिन्हें बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश का हिस्सा माना जाता है. दो और आरोपियों-मोहम्मद मोहसिन और वसीम को बाद में आपराधिक साजिश में शामिल होने और दर्जी की दुकान की टोह लेने में दो मुख्य आरोपियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
आरोपियों के वाट्सऐप अकाउंट पर कई पाकिस्तानी नंबर
जांच एजेंसियों ने उनके वाट्सऐप अकाउंट पर कई पाकिस्तानी नंबर मिलने का दावा किया है और कहा है कि एक आरोपी धार्मिक गतिविधियों के लिए बनाए गए कुछ गुप्त समूहों का हिस्सा था. आरोप हैं कि इन समूहों में से एक में इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए गौस को ‘कुछ बड़ा’ करने के लिए कहा गया था और अधिकारियों का मानना है कि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है जहां दर्जी की बर्बर हत्या की साजिश रची गई. उन्होंने बताया कि मोहसिन के ठिकाने का हत्या में इस्तेमाल चाकू को तेज करने के लिए इस्तेमाल किया गया था और आसिफ ने दर्जी की दुकान की रेकी करने में मदद की थी.
29 जून को एनआईए ने जांच की जिम्मेदारी ली
एनआईए ने 29 जून को राजस्थान पुलिस से जांच की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने के बाद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला फिर से दर्ज किया था. मामला शुरू में उदयपुर के धनमंडी थाने में दर्ज किया गया था. एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा था, ‘एनआईए ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूएपीए, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत साजिश रचने, बर्बर हत्या को अंजाम देने के आरोप में मामला फिर से दर्ज किया.’ प्रवक्ता ने कहा था, ‘आरोपियों ने देश भर में लोगों के बीच दहशत फैलाने और आतंक फैलाने के लिए हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा करते हुए आपराधिक कृत्य का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में प्रसारित किया था.’
Source : News18