बिहार में मानसून ने आखिरकार दस्तक दे दी है। गुरुवार को काले बादलों के साथ रिमझिम फुहारों ने कई जिलों को तर कर दिया। हालांकि, इस साल मानसून एक हफ्ते की देरी से पहुंचा है। सामान्यतः मानसून की आगमन तिथि 13 जून होती है, लेकिन इस बार यह 20 जून को पहुंचा। तेज गति के कारण पहले ही दिन 14 जिलों में मानसून का प्रसार हो गया, जिससे तापमान में गिरावट आई और लोगों को तपिश से राहत मिली। हालांकि, पटना में उमस अभी भी बरकरार है। अगले एक-दो दिनों में पटना, गया और छपरा तक मानसून के फैलने की संभावना है।
शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में गरज और चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और छपरा जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून की टर्फ लाइन बिहार और बंगाल के बीच स्थित है। 19 जून की रात को मानसून पश्चिम बंगाल से बिहार की ओर बढ़ा और किशनगंज और पूर्णिया के रास्ते बिहार में प्रवेश किया।
मौसम विभाग के अनुसार, 21 जून से सीमांचल और आसपास के क्षेत्रों में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। 22 जून को सबसे अधिक झमाझम बारिश होने की संभावना जताई गई है। इससे पहले, 20 जून को राज्य के अधिकांश जिलों में बारिश हुई, जिससे तपती गर्मी से लोगों को बड़ी राहत मिली। पूर्णिया में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जबकि किशनगंज में भारी बारिश के कारण कई रास्ते और डायवर्जन पानी में बह गए।
आज मानसून भागलपुर, कटिहार, अररिया, मधेपुरा, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और शिवहर में फैल गया है। अब मानसून के प्रसार की गति बेहतर हो रही है और अगले दो-तीन दिनों में यह पूरे राज्य में फैल जाएगा। मानसून पिछले 20 दिनों से पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर में अटका हुआ था, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों में किशनगंज, अररिया और सुपौल सहित आसपास के जिलों में भारी बारिश हो रही थी। गुरुवार को मानसून के दस्तक देने से पूर्व, कैमूर को छोड़कर राजधानी पटना सहित पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई।
बिहार में मानसून के आगमन ने राज्य को तपती गर्मी से राहत दी है और आने वाले दिनों में और भी बारिश होने की संभावना है, जिससे कृषि और जलस्रोतों को भी लाभ मिलेगा।