विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में इस बार लगभग 40 से 45 हाथी पहुंचेंगे। मेले में हाथियों के धार्मिक महत्व को देखते हुए मेला प्राधिकार ने जिले और दूसरे जिलों के हाथी मालिकों को निमंत्रित करने के लिए एक टीम को रवाना किया है। इस संबंध में प्राधिकार के अध्यक्ष और सोनपुर के एसडीओ ने हाथी रखने के नियम और शर्तों का पालन करते हुए हाथी मालिकों को मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया है।
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मालूम हो कि सोनपुर मेले का इस साल 10 नवंबर से आगाज हो रहा है, लेकिन पिछले साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर एक भी हाथी मेले में नहीं दिखाई दिया था। सरकारी नियमों और कई परेशानियों को देखते हुए हाथी मालिकों ने मेले में हाथियों के साथ शिरकत करने में परहेज किया था। जिसके कारण कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर हाथी नहीं दिखाई दिए। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस कारण से इस धरा पर भगवान हरि का अवतरण हुआ था, वो कारण था गंडक नदी में मगरमच्छ के चुंगल में फंसे हाथी की प्रार्थना पर भगवान विष्णु अवतरित होना था और मगरमच्छ का वध किया था।
धार्मिक मान्यताओं के बावजूद कई सालों से मेले में आने वाले हाथियों की संख्या लगातार घटती रही। यही कारण रहा कि पिछले साल एक भी हाथी का दर्शन लोगों ने नहीं किया। इस बार धार्मिक मान्यता और महत्व को देखते हुए जिला प्रशासन सरकारी नियमों और शर्तों के अंतर्गत हाथियों को मेले के उद्धाटन कार्यक्रम में आमंत्रित कर रहा है। इसके लिए एक उप समिति का गठन किया गया है। यह टीम जिले के साथ जिले के बाहर के भी हाथी मालिकों को आमंत्रित कर रही है। इसके लिए वन विभाग के निर्देशानुसार एक शपथ पत्र हाथी मालिकों से भरवाया जाएगा।
टीम में कम्यूनिटी पुलिस के संयोजक राजीव मुनमुन सहित कई लोग शामिल हैं। मंगलवार को एक टीम समस्तीपुर के निवासी और प्रसिद्द हाथी मालिक महेन्द्र प्रधान को आमंत्रित करने पहुंची। इस संबंध में सोनपुर एसडीओ एसएस पांडेय ने बताया कि हाथी मालिकों को आमंत्रित करने के लिए टीम रवाना की गई है। टीम नियम और शर्तों के साथ हाथी मालिकों को मेले के उद्धाटन कार्यक्रम में आमंत्रित करने का काम कर रही है। उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बार ऐतिहासिक सोनपुर मेले में पहुंचेंगे और मेले की भव्यता को ऊंचाई प्रदान करेंगे।
Input : Hindustan