लीची की मिठास के साथ अब शहर में इसके पत्तों से उपज रही गंदगी एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है। मुजफ्फरपुर नगर निगम ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एक जनहित सूचना जारी की है। यह सूचना लीची विक्रेताओं और आम नागरिकों के लिए न केवल चेतावनी है, बल्कि एक समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम भी है।
नगर निगम के अनुसार, कंपनी बाग रोड, स्टेशन रोड, और अन्य प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में लीची विक्रेताओं द्वारा लीची के पत्तों को सड़कों पर ही फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इससे सड़कों की स्वच्छता प्रभावित हो रही है, साथ ही सड़ने वाली पत्तियों से दुर्गंध उठ रही है जिससे स्थानीय नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जैविक खाद के रूप में हो सकता है समाधान
नगर निगम प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया है कि लीची के पत्ते एक प्रकार का जैविक कचरा हैं और यदि इनका सही तरीके से विज्ञानसम्मत निस्तारण किया जाए, तो इनसे जैविक खाद (ऑर्गेनिक कंपोस्ट) बनाई जा सकती है।
इस प्रकार की खाद न केवल कृषि और बागवानी कार्यों में उपयोगी हो सकती है, बल्कि यह शहर के कचरा प्रबंधन तंत्र को भी मजबूत बनाने में सहायक होगी।
नागरिकों से सहयोग की अपील
नगर निगम ने विशेष रूप से उन नागरिकों से अपील की है जो जैविक खेती, खाद निर्माण या पर्यावरणीय कार्यों में रुचि रखते हैं कि वे इस अभियान से जुड़ें और लीची के पत्तों का संग्रहण कर उसे उपयोगी संसाधन में बदलने में योगदान दें।
संपर्क करें और पाएं निःशुल्क सहायता
इच्छुक व्यक्ति नगर निगम के सफाई प्रभारी श्री अजय कुमार से संपर्क कर सकते हैं। उनके द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता बिना किसी शुल्क के प्रदान की जाएगी। संपर्क नंबर: 9304079354
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनोखा प्रयास
नगर निगम का मानना है कि जब तक नागरिक अपनी जिम्मेदारी को समझकर सक्रिय भागीदारी नहीं निभाते, तब तक स्थायी और दीर्घकालिक परिवर्तन संभव नहीं है।
यह पहल केवल गंदगी कम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय जागरूकता, स्थायी विकास और संसाधनों के पुनः उपयोग की दिशा में एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करती है।