मुजफ्फरपुर । बिहार के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के नाम से बड़े पैमाने पर फर्जी मेडिकल डिग्रियां जारी हो रही हैं। ऐसे 50 मामले समाने आने के बाद हड़कम्‍प मच गया है। गुजरात के नारकोटिक्स सेल व सीआइडी क्राइम की ओर से भेजी गई 70 होमियोपैथ मेडिकल डिग्रियों (बीएचएमएस) की जांच के बाद पता चला कि इनमें 50 मुन्‍नाभाई (फर्जी डॉक्‍टर) हैं। ये फर्जी डॉक्‍टर मरीजों की जान से खेल रहे हैं।

बीआरएबीयू के परीक्षा विभाग में गुजरात सीआइडी संदिग्ध डिग्री की सूची सौंपी थी। सूची का मिलान किया गया तो 50 डिग्री का कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इसके बाद विश्वविद्यालय ने इसकी रिपोर्ट गुजरात के

नारकोटिक्स सेल व सीआइडी क्राइम को भेज दी गई है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि गुजरात पुलिस की ओर से भेजी गई 70 डिग्री की जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। इसमें काफी संख्या में ऐसे डिग्री पाए गए जो विश्वविद्यालय की ओर से जारी ही नहीं किए गए थे।

बता दें कि बीते सप्ताह गुजरात पुलिस की टीम ने दो दिनों तक लगातार डिग्री की पड़ताल की थी। इसी जांच के बाद विश्वविद्यालय की ओर से रिपोर्ट भेजी गई थी। बता दें कि पिछले साल भी गुजरात से होमियोपैथी और केरल से भी संदिग्ध डिग्री को जांच के लिए विश्वविद्यालय को भेजी गई थी। जांच के बाद कई डिग्रियां फर्जी पाई गई थी।

राजकोट से पकड़ा गया था मुश्ताक

राजकोट में रहनेवाले मुश्ताक नाम के व्यक्ति को सबसे पहले फर्जी डिग्री पर प्रैक्टिस करते पकड़ा गया था। इसके बाद गुजरात पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की तो पूरा रैकेट पकड़ा गया। दलालों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि वह गुजरात से दूर प्रदेश की डिग्री जारी करते हैं और मनमानी कीमत पर उसे बेचते हैं।

गुजरात पुलिस ने विवि पुलिस से यहां के दलाल के बारे में जानकारी जुटाने को कहा था। बता दें कि गुजरात पुलिस के अधिकारी ओम सेन देसाई के नेतृत्व में पुलिस की टीम विवि पहुंची थी।

Input : Dainik Jagran

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