ईश्वर एक है। उसके नाम और धाम के चाहे जितने पते-ठिकाने और रंग-रूप-आकार हों लेकिन वह शाश्वत, स्थिर और सबके लिए समान है। यह बात भले ही धर्मभीरू, खुद को धर्म का ठेकेदार बताने वाले और धर्म के नाम पर एक-दूसरे पर तलवारें तान लेने वाले लोग न समझ रहे हों, लेकिन कोडरमा के राजाबर सीआरपीएफ कैंप के कंपनी कमांडर रहे मोहम्मद एजाज ने इसे वर्षों पहले समझ लिया था। आज उनका संदेश दूर-दूर तक पहुंच रहा है।

कोडरमा के सुदूरवर्ती प्रखंड व नक्सल प्रभावित क्षेत्र सतगावां स्थित राजाबर सीआरपीएफ कैंप परिसर में दो वर्ष पूर्व तक कंपनी कमांडर रहे इलाके के लोगों के लिए मोहम्मद सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल हैं। मोहम्मद एजाज मुस्लिम धर्म के हैं, लेकिन उन्होंने यहां खुद आगे बढ़कर ग्रामीणों के सहयोग से भव्य राम मंदिर बनवाया है। यहां पहुंचनेवाले श्रद्धालु मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले मो. एजाज का नाम भी याद रखते हैं।

मंदिर में भगवान राम, राधा-कृष्ण, बजरंगबली समेत अन्य देवी देवताओं को स्थापित किया गया है। दो वर्ष पूर्व मोहम्मद एजाज यहां से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यहां सीआरपीएफ जवानों व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पूजा व आरती नियमित की जाती है।

हर धर्म के जवान मंदिर में झुकाते हैं शीष

पिछले दिनों कोडरमा के एएसपी अजय पाल क्षेत्र भ्रमण के दौरान यहां पहुंचे तो मंदिर की दीवार पर लगे मार्बल में सीआरपीएफ के कमांडेंट विष्णु गौतम के साथ मोहम्मद एजाज खान का नाम देख प्रभावित हुए। यहां तैनात सीआरपीएफ 22 बटालियन के कमांडर अमरेश कुमार ने उन्हें बताया कि मंदिर का निर्माण मुस्लिम अधिकारी पूर्व कंपनी कमांडर मोहम्मद एजाज द्वारा कराया गया था।

अमरेश कुमार कहते हैं कि एजाज खान जैसे लोगों पर देश को गर्व है। एजाज खान ने जब देखा कि आसपास कोई मंदिर नहीं है तो उनके मन में विचार आया कि क्यों न इस कैंपस में ही मंदिर का निर्माण करवा दिया जाए। उन्होंने कमांडेंट विष्णु गौतम से इस बाबत आदेश लेकर अपनी उपस्थिति में यह मंदिर बनवा कर हिंदू मुस्लिम एकता की एक मिसाल कायम कर दी। यहां हर धर्म के सभी जवान शीष झुकाते हैं।

नक्सलियों के भी छुड़ाए थे छक्के

अमरेश कुमार ने बताया कि कंपनी कमांडर मोहम्मद एजाज खान अब रिटायर्ड हो चुके हैं और वे मूलत: सासाराम बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि एजाज खान सीआरपीएफ के ऐसे अधिकारी थे, जिन्होंने नक्सलियों को कई बार सबक सिखाया। राजाबर इलाका नक्सली गतिविधियों के कारण पुलिस के लिए सरदर्द बना था।

तब जिले के तत्कालीन एसपी वाइएस रमेश के प्रयास से राजाबर में सीआरपीएफ 22 बटालियन के कैंप की स्थापना की गई थी। कैंप स्थापित होने के बाद जहां ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वहीं नक्सलियों ने भी अपना रास्ता बदल लिया।  आज सीआरपीएफ के संरक्षण में लोग यहां शांति से जीवन गुजारते हुए विकास के साथ कदमताल कर रहे हैं।

Input : Dainik Jagran

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