मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में जहाँ लगातार बढ़ते आपराधिक घटनाओं के कारण पुलिस विभाग के तमाम अधिकारी अपना हरसंभव प्रयास करते दिखते है कि आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके। वही दूसरी तरफ न्यायिक हिरासत में भेजे गए कुख्यात और दुर्दांत अपराधियों और बदमाशों को पुलिस बल का भरपूर सहयोग मिलता है वो भी मुज़फ़्फ़रपुर कोर्ट परिसर में।
केंद्रीय कारा शहीद खुदीराम बोस से प्रतिदिन लगभग दो सौ से चार सौ अपराधियों की विभिन्न मामलों में पेशी होती है। इस पेशी के दौरान कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी अपनी मोटी कमाई में लगे रहते है। चाहे वह अपराधियों को कोर्ट हाजत से पेशी में ले जाये, चाहे मुलाकातियों से मुलाकात कराये, या फिर कैदियों के परिजनों द्वारा दिए गए खानपान को उपलब्ध कराए इन सभी में मोटी कमाई प्रतिदिन कोर्ट हाजत में तैनात पुलिस कर्मियों की हैं और तो और कैदियों को पुलिस कर्मियों द्वारा अपना मोबाइल फोन से भी खूब बात कराया जाता है सरेआम एक हाथों में हथकड़ी लगाकर और साथ साथ कोर्ट परिसर में धूम घूम कर जिसका अलग से चार्ज भी है निर्घारित।
पूर्व में पेशी के दौरान हो चुकी है कैदी की हत्या
लेकिन सवाल है कि क्या इन सब चीज़ों की जानकारी रहते हुये की माननीय न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था की जबाबदेही है इन कंधों पर फिर भी पैसे के आगे नतमस्तक है सुरक्षा व्यवस्था। जबकि कई बार कैदियों का कोर्ट से भाग जाना और तो और मुज़फ़्फ़रपुर कोर्ट में ही पूर्व में पेशी के दौरान एक कैदी की गोली मारकर अपराधियों ने दिनदहाड़े हत्या तक कर दी थी, लेकिन तमाम घटनाओं को भूल कर सिर्फ कमाई में लगे रहते है मुज़फ़्फ़रपुर कोर्ट हाजत की सुरक्षा में तैनात पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी।
Input : Ajj Tak 24 Live