मुजफ्फरपुर में बच्चों के शिक्षण कार्य की गुणवत्ता और विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं में सुधार के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने समाहरणालय सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में अधिकारियों को बच्चों के प्रति संवेदनशील होने और सरकारी योजनाओं का ईमानदारी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में जिलाधिकारी ने विद्यालयों में किए गए समरसेबल बोरिंग, हैंडवॉश स्टेशन, सोख्ता निर्माण, बेंच-डेस्क की संख्या, चहारदीवारी, बच्चों की संख्या, और एमडीएम की गुणवत्ता की जांच की। प्राथमिक स्तर पर सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और कनीय अभियंताओं की टीम ने विद्यालयों की जांच की और पुनः वरीय पदाधिकारियों द्वारा रिपोर्ट का मिलान कराया गया।

जिलाधिकारी ने सरैया और बंदरा प्रखंडों के बीईओ और जेई पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके वेतन स्थगित करने का आदेश दिया। साथ ही, लापरवाही सिद्ध होने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निलंबित और कनीय अभियंता को टर्मिनेट करने की चेतावनी दी।

समरसेबल बोरिंग की समीक्षा में 114 बोरिंग अपूर्ण पाए गए, जिनके संवेदकों को 30 सितंबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया। असफल होने पर प्राथमिकी और सर्टिफिकेट केस दर्ज किया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 687 पूर्ण बोरिंग के पेमेंट जांच के बाद ही किए जाएं।

बैठक में एमडीएम योजना की भी समीक्षा की गई, जहां थाली की निम्न गुणवत्ता और भोजन में कमी की शिकायतें आईं। डीपीओ एमडीएम को इसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया। थाली वेंडर को शो-कॉज नोटिस जारी करने के साथ ही एमडीएम की कड़ी मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए।

जिलाधिकारी ने बच्चों की उपस्थिति पर सख्त रुख अपनाते हुए 50% से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों को सुधारने का निर्देश दिया। जिले में कुल 3317 विद्यालय हैं और 2024-25 सत्र में 803141 बच्चे नामांकित हैं। 75% उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने विद्यालयों के शिक्षकों के मनोबल को ऊंचा करने और योग्य प्रधानाध्यापकों को सम्मानित करने का भी निर्देश दिया। बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए एनीमिया और एल्बेंडाजोल की दवा 86% बच्चों को खिलाई जा चुकी है। उन्होंने विद्यालयों में सफाई, बिजली, बैठने की व्यवस्था, अनुशासन, और खेलकूद गतिविधियों की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

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