बिहार का मुजफ्फरपुर जिला, एक तो शाही लीची के लिए मशहूर है तो दूसरे आजकल इस जिले की चर्चा देश की बड़ी हस्तियों पर दायर किए जाने वाले मु’कदमों को लेकर भी हो रही है। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन हों या पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, देश-विदेश की कई शख्सियतों के खि’लाफ यहां के’स दर्ज हो चुका है।
गूगल सर्च में शामिल हैं वकील सुधीर कुमार ओझा
कोर्ट में अबतक कुल 745 शिकायत दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता मुजफ्फरपुर के ही एक वकील हैं, सुधीर कुमार ओझा। ये ख़ुद को सामाजिक कार्यकर्ता भी कहते हैं। इनका नाम गूगल में सर्च करने पर आपको पता चल जाएगा कि मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य की शायद ही कोई हस्ती इनसे बाक़ी रह गई है जिनके ख़िलाफ़ उन्होंने मुक़दमा दर्ज न किया हो।
देश की 49 जानी-मानी हस्तियों के ख़िलाफ़ करा दिया केस दर्ज
ताजा मामला जिसने तूल पकड़ लिया है वो है भीड़ के हाथों होने वाली हिंसा यानी मॉब लिंचिग के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखने वाली 49 जानी-मानी हस्तियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराने वाले मुकदमे से। ओझा ने इन पर कई धाराओं के तहत तीन अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसे पुलिस ने अनुसंधान के बाद असत्य करार दिया है और कहा है कि कोर्ट से मुकदमे को बंद करने की अपील करेंगे।
Happy to know that the Bihar Police ordered the closure of a sedition case lodged against intellectuals who wrote a letter to PM over mob lynching. No regime can silence the voice of those who speak truth to power. More you crush they get stronger.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) October 9, 2019
नामचीन हस्तियों ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र
बता दें कि रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप और शुभा मुद्गल समेत 49 हस्तियों ने इसी साल जुलाई में देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं और जय श्रीराम नारे के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा था।
प्रधानमंत्री के नाम लिखे गए पत्र में कहा गया था कि देश भर में लोगों को जय श्रीराम नारे के आधार पर उकसाने का काम किया जा रहा है। साथ ही दलित, मुस्लिम और दूसरे कमजोर तबकों की मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई थी।
वैसे उस चिट्ठी के बाद एक जवाबी चिट्ठी 61 अन्य जानी-मानी हस्तियों की ओर से भी लिखी गई थी जिसमें इसे केंद्र सरकार को बदनाम करने का प्रयास बताया गया था। इसके बाद इन 49 हस्तियों पर देशद्रोह के आरोप लगे थे।
पुलिस करेगी केस बंद करने की अपील, बढ़ सकती हैं ओझा की मुश्किलें
मुज़फ़्फ़रपुर सीजेएम कोर्ट से मिले आदेश के बाद इन 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की गई जिसके बाद पुलिस ने इस शिकायत को ‘बेबुनियाद और निराधार’ बताया है। मुज़फ़्फ़रपुर के सीनियर एसपी मनोज कुशवाहा ने इस मामले की छानबीन की है और बताया है कि “जांच में याचिकाकर्ता सुधीर कुमार ओझा की तरफ से अपनी ही शिकायत के पक्ष में जरूरी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए।
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा बेहद गंभीरता से मामले का अनुसंधान किया गया और हमने पाया कि ओझा की शिकायत तथ्यहीन, आधारहीन, साक्ष्यविहीन और दुर्भावनापूर्ण है। इसीलिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए हम आईपीसी की धारा 211/182 के तहत याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अदालत से मांग करेंगे।”
सीनियर एसपी मनोज कुशवाहा ने यह भी कहा कि “इस मामले की जांच करने के क्रम में हमें पता चला कि सुधीर कुमार ओझा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए आदतन ऐसा करते हैं। जिस तरह से यह मामला ग़लत पाया गया, वैसे ही पूर्व में भी उनकी कई शिकायतें ख़ारिज हो चुकी हैं। ऐसे में पुलिस का वक्त बर्बाद होता है. इसलिए भी हम कोर्ट से उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की गुजारिश करेंगे।”
सुधीर कुमार ओझा ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
दूसरी तरफ वकील सुधीर कुमार ओझा ने जागरण डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि पुलिस को जैसी भी जांच रिपोर्ट या चार्जशीट कोर्ट में जमा करनी है करें, वे अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। पुलिस को केवल अनुसंधान का अधिकार है, फैसला या आदेश कोर्ट को देना होता है। ओझा ने कहा कि एेसे गंभीर मामले का पुलिस ने सही तरीके से अनुसंधान नहीं किया। मैंन तो सभी साक्ष्य पुलिस को दिए और उसके बारे में पुलिस द्वारा बताया गया कि साक्ष्य नहीं मिले हैं।’
उन्होंने कहा कि दस साल से जिले में सैकड़ों केस अनुसंधान के लिए लंबित हैं। इस केस का सुपरविजन आनन-फानन एक सप्ताह के भीतर कैसे कर लिया गया है, ये आश्चर्य की बात है। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठता है। मैं इसके खिलाफ कोर्ट में विरोध पत्र दाखिल करूंगा। बिहार पुलिस दबाव में आकर काम जैसे तैसे निपटा रही है।”
ओझा का कहना था कि मैंने यहीं से शिकायत कर सलमान ख़ान की फ़िल्म लव रात्रि का नाम बदलवाया है। मेरी ही शिकायत पर धूम के अश्लील सीनों पर ऐश्वर्या राय को जवाब देना पड़ा था, उन्हें वो सीन हटाने पड़े थे। लालू यादव तक को एक बार नोटिस जारी कर जवाब देना पड़ा था।”
कौन हैं मीडिया की सुर्खी बने सुधीर कुमार ओझा…
इन बड़ी हस्तियों पर कोर्ट में मुकदमे का रिकॉर्ड बनाने वाले अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा कहते हैं कि वे पहले दुकान चलाते थे। इसके बाद प्राइवेट नौकरी की। इस दौरान समाहरणालय में आने-जाने के क्रम में वहां अपनी मांगों के समर्थन में धरना पर बैठे लोगों को देखते थे। उसी समय जिज्ञासा हुई कि गरीबों को कानूनी तरीके से न्याय कैसे दिलाया जा सकता है?
इसी प्रेरणा से उन्होंने काननू की पढ़ाई की और अधिवक्ता बने। उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार, शोषण व अश्लीलता के खिलाफ है। आम जनता की हितों व सिस्टम की खामियों को दुरुस्त करने को लेकर कोर्ट में इसकी कानूनी लड़ाई कोर्ट में लड़ते हैं। इसके माध्यम से वे बड़ी हस्तियों को यह बताना चाहते हैं कि कोई भी हो वह कानून से बड़ा नहीं है। उनकी ही लड़ाई का परिणाम है कि निगरानी कोर्ट में मुकदमा दाखिल किए जाने की परंपरा शुरू हुई।
Input : Dainik Jagran