चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में अब तक 108 बच्चों की मौत होने के 17 दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी मंगलवार को यहां पहुंचे, तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने दोनों को काले झंडे दिखाए और ‘गो-बैक’ के नारे लगाए.
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार कहर बरपा रही है. पिछले एक हफ्ते में अब तक 108 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. हाहाकार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया. नीतीश मरीजों का हाल जानने के लिए श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. बाहर खड़े लोगों ने ‘नीतीश गो बैक’ के नारे लगाए और उन्हें काला झंडा भी दिखाया. बता दें कि सीएम के दौरे के वक्त ही SKMCH में चमकी बुखार से एक और बच्चे ने दम तोड़ा है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी बच्चों की मौत के 17 दिन बाद स्थिति का जायजा लेने यहां पहुंचे थे. सीएम SKMCH अस्पताल पहुंचकर मृत बच्चों के माता-पिता से मिल रहे थे और इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों का भी हालचाल पूछ रहे हैं. हालांकि, सीएम के दौरे को लेकर पहले से ही विरोध की आशंका थी जिसको लेकर SKMCH अस्पताल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे बावजूद इसके लोगों ने परिसर के बाहर जमकर नारेबाजी की.
बीजेपी सांसद ने कहा- 4G से हो रही हैं मौतें
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से राज्य में हो रही मौतों पर बीजेपी सांसद अजय निषाद का बेतुका बयान सामने आया है. निषाद ने कहा कि चमकी बुखार के लिए 4जी जिम्मेदार है. इसकी वजह से मौतें हो रही हैं. बीजेपी सांसद ने गांव, गर्मी, गरीबी और गंदगी को 4g बताया. उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के लोग इस बीमारी से ताल्लुक हैं. उनका रहन-सहन नीचे है. बच्चे बीमार हैं.
SKMCH अस्पताल के अंदर नहीं जाने देने से फूटा आक्रोश
सीएम नीतीश के अस्पताल आने के दौरान कई बीमार बच्चों को भी अंदर आने से रोका गया जिससे लोगों का आक्रोश बढ़ गया. लोग सीएम के देर से आने के साथ-साथ अस्पताल में सुविधाओं के अभाव को लेकर भी खासे नाराज हैं और अस्पताल में कुव्यवस्था होने की बात कह रहे हैं.
मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर पूरे अस्पताल परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. यहां बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल और बिहार पुलिस के जवान लगाए गए हैं. एसएसपी ने बताया कि कहीं से कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
AES बीमारी से अभी तक 132 बच्चों की मौत
बता दें कि बिहार में चमकी बुखार यानी एईएस (AES) का कहर लगातार जारी है. इस बीमारी से राज्य भर में अब तक 132 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि सरकारी आंकड़ों में यह संख्या 105 बताई जा रही है. मंगलवार को सीएम के दौरे से ठीक पहले मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल में 3 और बच्चों की मौत होने की खबर है. जिले में पिछले 17 दिनों से एईएस का कहर लगातार जारी है और इस बीमारी से मुजफ्फरपुर समेत राज्य के 12 जिले प्रभावित हैं.
#UPDATE Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur rises to 108; 89 in Sri Krishna Medical College and Hospital and 19 in Kejriwal Hospital https://t.co/NBI1u9vYCY
— ANI (@ANI) June 18, 2019
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के साथ की थी बैठक
मुजफ्फरपुर दौरे से पहले सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने पटना में स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बच्चों की मौत के 17 दिन बाद ये पहला मौका है जब राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम सुशील मोदी एक साथ मुजफ्फरपुर जा रहे हैं.
किस जिले में AES से हुई कितनी मौत?
बिहार में AES से अबतक 132 बच्चों की मौत हुई है, जिसमें अकेले मुजफ्फरपुर में ही 108, हाजीपुर में 11, समस्तीपुर में 5, मोतिहारी में 5, पटना के PMCH में एक बच्चे की मौत हुई है वहीं शिवहर में AES से 2 बच्चों की मौत हुई है और नवादा में भी 1 बच्चे की मौत हुई है, लेकिन नवादा में हुई मासूम की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.
Input : News18