मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जिले की जनसंख्या पिछले 11 वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले 11 वर्षों में जनसंख्या 48 लाख से बढ़कर 56 लाख हो गई है। यानी कि आठ लाख की बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि जिले की जनसंख्या में आए बदलाव की जानकारी 21 जनवरी तक हुई जाति आधारित गणना के पहले चरण की रिपोर्ट से प्राप्त हुई हैं। जनसंख्या का प्राप्त आंकड़ा मकानों की संख्या के आधार पर निकाला गया हैं। जाति आधारित गणना की समाप्ति के बाद अंतिम आंकड़े सामने आएंगे।
मालूम हो कि जाति आधारित गणना के पहले चरण में हुई गिनती में जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में कुल 10.35 लाख मकान मिले हैं। जाति गणना के तहत सात से 21 जनवरी तक चली मकानों की गणना की रिपोर्ट बुधवार को सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई। जिला प्रशासन की ओर से जिला सांख्यिकी अधिकारी रंजीत कुमार सिन्हा ने सामान्य प्रशासन विभाग को रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने बताया कि पंद्रह दिनों तक चले सर्वे में 13.52 लाख परिवारों की सूची बनाई गई। मकान गणना में जिले में 13 हजार से अधिक कर्मी शामिल थे। वहीं अब अप्रैल व मई में जाति गणना होगी। इसके लिए राज्य, जिला व प्रखंड के स्तर पर कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
गौरतलब हैं कि कई जिलों से संशोधित रिपोर्ट आने के बाद उनके स्तर से पहले जारी परिवारों की संख्या में थोड़ी कमी देखने को मिली हैं। इस वजह से अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में थोड़ी विलंब हो रही है। पहले चरण की रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे जाति आधारित गणना को लेकर बनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जायेगा। 27 या 28 जनवरी तक इस रिपोर्ट को तैयार होने का अनुमान लगाया गया हैं।
इस रिपोर्ट के आने के बाद राज्य में जिलावार परिवारों की संख्या, किस जिले में परिवार की संख्या कितनी बढ़ी,कच्चा और पक्का मकान के अलावा झोपड़ी की संख्या का भी पता चल जायेगा। इतना ही नही राज्य में बेघर परिवारों की संख्या कितनी हैं वो भी सामने आ जाएगी।
वहीं, अप्रैल से शुरू होने वाली दूसरे चरण में जाति के साथ सामाजिक-आर्थिक गणना के लिए तैयार की गयी जायेगी।इस चरण में ऑनलाइन माध्यम से भी आंकड़े इकट्ठे किये जायेंगे।
बता दें कि पिछले 11 वर्षों में राजधानी पटना की जनसंख्या में 15 लाख की बढ़ोतरी देखी गई हैं। जो 58 लाख से बढ़कर 73 लाख हो गई। वर्ष 2011 में पटना की कुल जनसंख्या 58 लाख 38 हजार 465 थी। वहीं जाति आधारित गणना की जारी रिपोर्ट के मुताबिक यह बढ़कर 73 लाख 52 हजार 729 हो गई है। जबकि 2011 में पटना में कुल मकानों की संख्या 9 लाख 75 हजार 578 थी जो बढ़कर 13 लाख 82 हजार 717 हो गई है। यानी की मकानों की संख्या पहले की तुलना में चार लाख से अधिक बढ़ी है।
दूसरी तरफ बिहार में परिवारों की संख्या साढ़े तीन करोड़ होने के अनुमान हैं। वर्ष 2011 में परिवारों की संख्या 1 करोड़ 89 लाख थी।
Input : Hindustan