प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे कृषि प्रधान कैमूर जिले के किसानों के सपने एक झटके में तार-तार कर दिया। बेमौसम हुई बारिश से किसानों के सारे अरमानों पर पानी फिर गया। क्योकि कृषि प्रधान कैमूर जिले के किसानों के जिविकोपार्जन, दो जून का भोजन व अन्य कार्यों का निपटारा का एक मात्र साधन खेती ही है। किसानों ने यह सोचा था कि इस साल पैदावार अच्छी हुई तो बच्चों को बेहतर शिक्षा देंगे, बिटियां की धुमधाम से शादी करेंगे और घर के बीमार सदस्यों को बाहर ले जाकर इलाज भी कराएंगे। पर प्राकृति के आगे किसानों के सारे सपने तार-तार हो गए।

ददरा गांव के किसान शिवशंर दुबे एवं खरेन्दा के किसान जितेन्द्र कुमार पांण्डेय ने बताया कि उनकी बेटी की शादी होने वाली है। दोनों पूर्ण रुप से किसान है। क्रमश: दोनों की बेटी की शादी अप्रैल माह में होने वाली है। शादी को लेकर घर में तैयारी चल रही है। हलवाई, टेंट, सजावट एवं किराना दुकानदारों को बयाना दे दिया गया है। किसानों ने कहा सोचा था धान व गेंहु की फसल बेचकर इन सारे कार्यों का निपटारा कर लेंगे। पर असमय बारिश के कारण फसल व रबी दोनों की फसल बर्बाद हो गई। उक्त दोनों किसानों ने यह भी बताया कि बेटी की शादी पक्की हो गई है तो किसी तरह करनी है। पर फसल मार खा जाने से बजट बिगड़ गई है।

रामपुर प्रखंड स्थित सोनवर्षा के किसान अमर सिंह, भभुआ प्रखंड में स्थित रामपुर गांव के बालेशवर तिवारी व जलालपुर के किसान महेन्द्र तिवारी ने यह बताया कि बेटा-बेटी बाहर में रहकर मेडिकल व इंजिनियरिंग की तैयारी कर रहे है। सोचा था उपज अच्छी होगी तो उसे बेचकर बच्चों को और बेहतर ढंग से तैयारी कराएंगे। ताकि उनकी मेहनत कामयाब हो जाए। पर आफत की बारिश से फसल बर्बाद हो गए। भोजन का काम तो किसी तरह चल जाएगा, पर इस साल बच्चों की पढ़ाई की खर्च जुटाने मुश्किल होगी। इस साल रोटी-दाल मिलना भी मुश्किल हो जाएगा।

बारिश से बराती व घराती हुए परेशान
लग्न के मौसम में तेज हवा के साथ हुई मुसलाधार बारिश व आसमान से ओले गिरने के कारण घराती व बराती दोनों पक्ष के लोगों को काफी परेशानी हुई। 13 मार्च को लग्न तेज होने के कारण शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोगों के घर बेटे-बेटी की शादी के लिए बारात आई थी। शाम करीब सात बजे तेज हवा के साथ अचानक बारिश व आसमान से ओले गिरने के कारण लोग इधर-उधर भागने लगे। शहर के कई विवाह मंडप में लगाए गए टेंट एवं शामियाना भी हवा में उड़ गया। जिस कारण घराती व बराती दोनों पक्ष के लोगों को कठिनाईयों का समाना करना पड़ा। कुछ लोग तो बिना नास्ता-खाना खाएं ही बैठकर किसी तरह से रात बिताई।

Input :Live Hidustan

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