नागरिकता कानून के खि’लाफ आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। यूपी-बिहार से लेकर बेंगलुरु में व्यापी बंद है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में माकपा और भाकपा सहित सभी वामदल और मुस्लिम संगठन आज यानी बृहस्पतिवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वामदलों की ओर से बुधवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार माकपा, भाकपा, भाकपा माले, फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी सहित अन्य वाम संगठनों की सभी प्रदेश और जिला इकाई देश के सभी जिला मुख्यालयों पर बृहस्पतिवार को सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
लेफ्ट पार्टियों के इस भारत बंद को विपक्ष का भी समर्थन प्राप्त है। बताया जा रहा है कि लेफ्ट पार्टियों के इस भारत बंद को राजद, सपा, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। नागरिकता कानून के खिलाफ लेफ्ट विंग और मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए एक दिन के बंद को लेकर बेंगलुरु में तीन दिनों के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।
वहीं, छात्र संगठनों ने भी कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को यानी बिहार बंद का आह्वान किया है। इस बंद में 11 छात्र संगठन शामिल हैं। छात्रों ने नागरिक संशोधन कानून, एनआरसी और गैंग रेप के बढ़ते मामले के खिलाफ बंद का आह्वान किया है। उत्तर प्रदेश में भी राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।
बेंगलुरु में आज से तीन दिनों के लिए धारा-144
नागरिकता कानून के खिलाफ लेफ्ट विंग और मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए एक दिन के बंद को लेकर बेंगलुरु में तीन दिनों के लिए धारा 144 लागू की जाएगी। बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने कहा, ‘अगले 3 दिनों के लिए कल (गुरुवार) सुबह 6 बजे से पूरे बेंगलुरु में धारा 144 लागू की जाएगी।’ संगठनों ने गुरुवार सुबह 11 बजे बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई है।
बेंगलुरु में धारा-144 गुरुवार सुबह 6 बजे से शुरू होकर 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक तीन दिनों तक लागू रहेगी। मंगलुरु में प्रतिबंध गुरुवार सुबह से शनिवार आधी रात तक दो दिनों के लिए होगा। दोनों शहरों के पुलिस आयुक्तों ने अलग-अलग आदेश जारी किए। आदेशों में कहा गया है कि किसी को भी विरोध प्रदर्शन करने, पटाखे फोड़ने या हथियार प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
बिहार में छात्र संगठनों का राज्यव्यापी बन्द
छात्र संगठनों ने कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को बिहार बंद आह्वान किया है। इस बंद में 11 छात्र संगठन शामिल हैं। छात्रों ने नागरिक संशोधन कानून, एनआरसी और गैंग रेप के बढ़ते मामले के खिलाफ बंद का आह्वान किया है। सभी लोगों से बिहार बंद का समर्थन करने की अपील की गई। वहीं बुधवार को बिहार बंद को सफल बनाने के लिए पटना के कई इलाकों में छात्र संगठनों ने संयुक्ततौर पर सघन जनसंपर्क एवं प्रचार अभियान चलाया गया। पटना विश्वविद्यालय के दरभंगा हाउस, वाणिज्य कॉलेज, पटना कॉलेज, साइन्स कॉलेज,पटना लॉ कॉलेज में चला। प्रचार गाड़ी द्वारा भिखना पहाड़ी,एनआईटी मोड़, महेंद्रू, सुल्तानगंज, आलमगंज, गायघाट, शाहगंज, मुसल्लहपुर,बाजार समिति, दिनकर गोलंबर, लंगरटोली, सब्जीबाग चौराहा पर नुक्कड़ सभा के माध्यम से नागरिक संशोधन कानून एवं एनआरसी के खिलाफ जोरदार विरोध करते हुए बिहार बंद को असरदार बनाने की अपील की गई। टीम ने अशोक राजपथ, कुनकुन सिंह लेन, रमना रोड, खजांची रोड, मखनिया कुआं के दुकानदारों एवं पटना यूनिवर्सिटी के छात्रावासों में विद्यार्थियों से बिहार बंद को सफल बनाने की अपील की गई।
जामिया-एएमयू-जेएनयू-मद्रास यूनिवर्सिटी एवं पूर्वोत्तर के राज्यों सीएए-एनआरसी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर छात्र-छात्रा साथियों ने साबित कर दिया है कि वे सरकार से नहीं डरते और हर हालत में इसके खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। राजनैतिक दलों द्वारा गुरुवार को बिहार बंदी का आह्वान को देखते हुए जिला प्रशासन ने 50 मजिस्ट्रेट और दो सौ पुलिस बल की तैनाती की है। पटना शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात रहेंगे। कारगिल चौक पर धारा 144 लगा दिया गया है। गांधी मैदान के आसपास जुलूस प्रदर्शन एवं सभा नहीं होगी। एडीएम विधि व्यवस्था कन्हैया प्रसाद सिंह ने बताया कि बंदी को देखते हुए एंबुलेंस और फायरब्रिगेड के वाहन भी तैनात किए गए हैं। प्रमुख स्कूलों और अस्पताल के पास भी पुलिस प्रशासन तैनात रहेंगे। जिला नियंत्रण कक्ष में भी 12 मजिस्ट्रेट और चार पेट्रोलिंग वाहनों की तैनाती की गई है।
उत्तर प्रदेश: नागरिकता कानून के खिलाफ राज्यव्यापी बंद आज
उत्तर प्रदेश पुलिस ने नागरिकता (संशोधित) कानून के खिलाफ 19 दिसंबर को होने वाले राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले सीआरपीसी की धारा 149 के तहत 3000 लोगों को नोटिस जारी किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन सभी लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने और दूसरों को शामिल होने के लिए नहीं उकसाने को कहा गया है। पुलिस ने इन लोगों को नोटिस जारी करने के पीछे ‘लॉ एंड ऑर्डर’ को मुख्य वजह बताया है। कुछ लोगों से पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉन्ड भी भरवाया है।
लखनऊ पश्चिम के एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि नागरिकता कानून के खिलाफ 19 दिसंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए शहर में 150 लोगों को नोटिस दिया गया है। ‘लॉ एंड ऑर्डर’ मेंटेन रखने के लिए लखनऊ में पांच अतिरिक्त एसपी, 10 सीओ, पीएसी की 12 कंपनियां और 500 सब-इंस्पेक्टरों की तैनाती की गई है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रखे हुए है और ऐसे पोस्टों को हटवा रही है, जिसमें लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की गई है। गौरतलब है कि 19 दिसंबर का विरोध प्रदर्शन विभिन्न सिविल सोसाइटी ग्रुपों की ओर से बुलाया गया है।
अल्पसंख्यक अधिकार संगठन ने 19 दिसंबर को अहमदाबाद बंद का आह्वान किया
गुजरात में एक अल्पसंख्यक अधिकार संगठन ने बुधवार को नये नागरिकता कानून और एनआरसी लागू किए जाने के विरोध में 19 दिसंबर को अहमदाबाद बंद का आह्वान किया। ‘अल्पसंख्यक अधिकार मंच के शमशाद पठान ने कहा कि बृहस्पतिवार को दिन भर के बंद के दौरान वडोदरा, गोधरा और लुनावाडा से कारोबारी और दुकानदार हिस्सा लेंगे। दलित नेता एवं निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि बृहस्पतिवार को बनासकांठा जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र वडगाम के अंतर्गत आने वाले 50 गांवों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की प्रतियां जलाई जाएंगी। संशोधित कानून के विरोध में कुछ विश्वविद्यालयों समेत समूचे देश में प्रदर्शन हो रहे है। संशोधित कानून में 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
Input : Live Hindustan