मंगल के सबसे खतरनाक मिशन पर नासा के पर्सवियरन्स रोवर को लैंड कराने में अहम भूमिका निभाने वालीं भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। नासा में उनका यह कारनामा प्रशंसा का काबिल तो है ही, मगर उनकी एक चीज और है, जिसे देखकर सोशल मीडिया दीवाना हो रहा है।
The parachute has been deployed! @NASAPersevere is on her way to complete her #CountdownToMars: pic.twitter.com/i29Wb4rYlo
— NASA (@NASA) February 18, 2021
दरअसल, नासा का रोवर पर्सवियरन्स शुक्रवार को जैसे ही मंगल की सतह पर उतरा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के नियंत्रण कक्ष में टचडाउन कंर्फम्ड (सफलतापूर्वक उतर गया) की आवाज गूंज उठी। यह घोषणा भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन ने की, जिन्होंने रोवर को लाल ग्रह पर उतारने में एक अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उनके माथे पर एक बिंदी थी, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
“Touchdown confirmed” announced @DrSwatiMohan, 🇮🇳 origin GN&C operations lead as @NASA’s #Perseverance landed inside a Mars crater.
No more the Hidden Figure in Space , ‘Lady with the Bindi’ Dr Swati has made 🇮🇳 proud & inspired women across 🌎 to reach for ✨ 🌙 & Mars! pic.twitter.com/AFZYZzqyrA
— Lakshmi M Puri (@lakshmiunwomen) February 19, 2021
नासा ने इस मिशन से जुड़े वीडियो और फोटो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किए, मगर भारत में सोशल मीडिया यूजर्स को इनमें से सबसे सबसे अधिक स्वाति मोहन के बिंदी ने आकर्षित किया। मिशन को कामयाब बनाने के लिए स्वाति मोहन नासा के कंट्रोल रूम में बैठी थीं और इस दौरान वह बिंदी में नजर आईं। हालांकि, इस दौरान उनके चेहर पर मास्क भी दिखा। इस बिंदी को देख देसी ट्विटर यूजर इतने खुश हुए कि वह अलग-अलग तरह से प्रतिक्रियाएं देने लगे।
एक यूजर ने लिखा, स्वाति मोहन को खूब सारा प्यार। कंट्रोल रूम में बिंदी गजब लग रहा है। एक अन्य यूजर ने फोटो शेयर कर लिखा- धन्यवाद स्वाति मोहन, आपकी बिंदी देखकर मैं काफी खुश हो गया। मेरी मां भी जहां जाती हैं, बिंदी लगाकर जाती हैं। वह इस बात की परवाह नहीं करतीं कि दुनिया क्या कहेगी। अगर कोई टोकता है तो मेरी मां बैग से बिंदी का पत्ता निकालती हैं और उन्हें ऑफर करती हैं। उनकी बिंदी पर और भी कई प्रतक्रियाएं हैं।
बता दें कि स्वाति ही वह वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने ‘मार्स 2020 मिशन के दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान (जीएन ऐंड सी) का नेतृत्व किया। उन्होंने रोवर को उतारने में उड़ान नियंत्रक (फ्लाइट कंट्रोलर) की भूमिका निभाई। स्वाति ने ही लाल ग्रह के वायुमंडल को पार करते हुए मंगल की सतह पर रोवर के सफलतापूर्वक उतरने की सबसे पहले घोषणा की। पर्सवियरन्स जैसे ही लाल ग्रह की सतह पर उतरा, स्वाति ने घोषणा की, ”सफलतापूर्वक उतर गया। इसके साथ ही वहां जश्न का माहौल देखने को मिला। स्वाति एक साल की उम्र में भारत से अमेरिका पहुंचीं थीं ।
नॉर्दर्न वर्जीनिया और वाशिंगटन डीसी में पली बढ़ीं स्वाति ने यांत्रिक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी एवं अंतरिक्षयानिकी में एमएस तथा पीएचडी की थी। स्वाति ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में उनकी रुचि तब पैदा हुई जब उन्होंने नौ साल की उम्र में टीवी शो ‘स्टार ट्रेक देखा था। नासा के मंगल मिशन में स्वाति के योगदान की आज दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है।
Input: Live Hindustan