MUZAFFARPUR
अ’पहरण के 50 दिनों तक जीवित थी नवरुणा, श’व मिलने के 20 दिनों पूर्व की गई ह’त्या
अ’पहरण के 50 दिनों तक नवरुणा जीवित थी। उसका अ’पहरण 18 सितंबर 2012 की रात में किया गया था। उसका श’व 69 दिनों के बाद 21 नवंबर 2012 को मिली थी। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार श’व मिलने के दस से 20 दिनों पूर्व उसकी हत्या की गई। इसका मतलब है कि अपहरण के तुरंत बाद उसकी ह’त्या नहीं की गई। सीबीआइ यह जांच करने जा रही है कि अ’पहरण के बाद इतने लंबे समय तक नवरुणा को छुपाने व अ’पराधियों को संरक्षण देने वाला कौन है।
जांच में उसने घटना संपत्ति विवाद के कारण माना है। बताया है कि इसके पीछे भू-माफिया व पुलिस के बीच गठजोड़ सामने आ रहा है। यह सनसनीखेज जानकारी सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में दी है। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के लिए एक बार फिर से छह माह की नई डेडलाइन देने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इस अर्जी पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
स्वास्थ्य कारणों से नहीं हो सकी जितेंद्र प्रसाद की वैज्ञानिक जांच
अर्जी में सीबीआइ ने कहा है कि तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष व इस मामले के अनुसंधानकर्ता जितेंद्र प्रसाद की वैज्ञानिक जांच नहीं हो सकी है। इसके लिए उसके स्वास्थ्य का हवाला दिया गया। उसकी वैज्ञानिक जांच बेहद आवश्यक है, क्योंकि पॉलीग्राफी टेस्ट में उसके कई जबाव धोखा देने वाला व भ्रामक पाया गया है।
सीलबंद लिफाफा में सुप्रीम कोर्ट में प्रगति प्रतिवेदन दाखिल
सीबीआइ ने दूसरी बार जांच का प्रगति प्रतिवेदन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। यह प्रगति प्रतिवेदन लिफाफा में सीलबंद है।
दो मई को समाप्त हो गई थी छठी डेडलाइन
सीबीआइ की अर्जी पर छठी बार सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने को लेकर दो नवंबर 2018 को छठी डेडलाइन तय की थी। यह डेडलाइन दो मई 2019 को समाप्त हो गई। सीबीआइ की ओर से जांच पूरी करने को लेकर छह माह का और समय देने की प्रार्थना की गई है। अर्जी में सीबीआइ की ओर से कहा गया है कि अपराधियों को पकडऩे के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए उसे और समय चाहिए। नई डेडलाइन मेंं जांच पूरा करने का एक्शन प्लान भी सीबीआइ ने कोर्ट के समक्ष पेश किया है।
सीबीआइ के विशेष कोर्ट में भी सुनवाई आज
नवरुणा मामले को लेकर मुजफ्फरपुर स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में आज भी सुनवाई है। लंबे समय से सीबीआइ अधिकारी व अन्य इस कोर्ट में नहीं आ रहे हैं। उनकी ओर से कोई अर्जी भी दाखिल नहीं की जा रही है। इससे सुनवाई टल रही है।
सात संदिग्ध आरोपितों को सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार
सीबीआइ ने इस मामले में दो बार में सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ आरोपितों के विरुद्ध निर्धारित 90 दिनों के अंदर विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी। इससे सभी को जमानत मिल गई। जांच के क्रम में सीबीआइ ने 324 लोगों से पूछताछ की।
यह है मामला
नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से 18 सितंबर 2012 की रात सोई अवस्था में नाबालिग नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। बाद में उसके घर के निकट नाला सफाई के दौरान 21 नवंबर 2012 को मानव कंकाल मिला। डीएनए टेस्ट से यह कंकाल नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में पुलिस फिर सीआइडी ने इस मामले की जांच की। फरवरी 2014 से इसकी जांच सीबीआइ कर रही है।
Input : Dainik Jagran
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर : सर्वे के बहाने दिनदहाड़े घर में घुसकर 5 लाख के गहने लूटे

अहियापुर थाना के कोल्हुआ स्थित अशोक विहार कॉलोनी में गुरुवार को दिनदहाड़े तीन अपराधियों ने मोतीपुर में पोस्टेड राज्य खाद्य निगम के सहायक गोदाम प्रबंधक रघुवंश प्रसाद के घर में घुसकर लूटपाट की। बच्चों को कमरे में बंद कर बहू माधुरी कुमारी पर पिस्टल तानकर गोदरेज खोलवाया और पांच लाख से अधिक के गहने व 15 हजार कैश लूट लिए। सर्वे के बहाने अपराधी घर में घुसे थे। इनकी उम्र करीब 20 से 22 वर्ष थी और दुबले-पतले थे। इनके स्मैकिया गिरोह से जुड़े होने का शक पुलिस को है।
फरार होने से पहले अपराधियों ने माधुरी की कनपटी पर पिस्टल की बट से मारा,जिससे वह बेहोश हो गई। कमरे में बंद बच्चों ने पिता को कॉल किया। इसके बाद सहायक गोदाम प्रबंधक और उनके पुत्र रेवा के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक रवींद्र कुमार घर पहुंचे। कमरा खोलकर बच्चों को बाहर निकाला। फिर बेहोश माधुरी को जूरनछपरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने अशोक विहार कॉलोनी में लगे सीसीटीवी का फुटेज लिया है। इसमें तीनों अपराधी की तस्वीर कैद हो गई है।
कॉल कर दी जानकारी: कमरे में बंद पोता कृष्णा के पास उसका मोबाइल था। उसने मोबाइल से पहले पिता को कॉल कर जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अहियापुर पुलिस को भी कॉल किया।
लूटपाट की घटना हुई है। सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों को चिह्नित करने की कोशिश की जा रही है। शीघ्र ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। -जयंतकांत,एसएसपी
Source : Hindustan
MUZAFFARPUR
एयरपोर्ट की तर्ज पर विश्वस्तरीय बनेंगे मुजफ्फरपुर सहित 12 रेलवे स्टेशन, देखें कौन से शहर हैं शामिल

स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए पूर्व मध्य रेलवे के 12 स्टेशनों को चिह्नित किया गया है. इसमें सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय एवं बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतिहारी, दानापुर मंडल के राजेंद्रनगर एवं बक्सर, पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया व पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तथा धनबाद मंडल के धनबाद एवं सिंगरौली का चयन किया गया है.
2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य
चिह्नित सभी स्टेशनों के पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पुनर्विकास से जुड़े कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त होंगी.
400 करोड़ की राशि से मुजफ्फरपुर जंक्शन का निर्माण
पुनर्विकास के बाद मुजफ्फरपुर स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा. पुनर्विकास के उपरांत यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुणा बढ़ जायेगी. इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा. इस योजना के तहत 400 करोड़ की राशि से मुजफ्फरपुर जंक्शन का निर्माण होगा. इसका निर्माण कार्य भी 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को बेहतर अनुभव एवं विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है. स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जायेगा, जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाये जायेंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे.
विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकास के उपरांत स्टेशन पर रेल यात्रियों के आगमन एवं प्रस्थान के लिए अलग-अलग व्यवस्था के तहत भवन का निर्माण किया जायेगा. स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े. वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुना अधिक जगह तथा पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे.इसके अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा के लिए स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान, रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान, वाटर री-साइक्लिंग प्लांट, ठोस अशिष्ट प्रबंधन एवं अग्निशमन आदि की व्यवस्था होगी।
Source: Prabhat Khabar
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर: पुलिस चौकी के पास सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, अड्डे से आती थी रोने की आवाज

बिहार के मुजफ्फरपुर में नर्स और अन्य नौकरियों का झांसा देकर जबरन युवतियों को देह व्यापार में धकेलने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। झपहां बाजार में पुलिस चौकी के सामने सौ मीटर दूरी पर बुधवार को एक घर में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है।नौकरी दिलाने के नाम पर युवतियों को अहियापुर में बुलाने के बाद उनसे जबरन देह व्यापार करवाया जा रहा था। यहां बंधक बनी तीन युवतियों को भी पुलिस ने छुड़ाया। इसमें एक समस्तीपुर, दूसरी अहियापुर के ही सिपाहपुर और तीसरी भिखनपुरा की रहने वाली है।
समस्तीपुर की युवती ने देह व्यापार करने से इनकार कर दिया तो उसे घर में बंद कर मारा-पीटा जा रहा था। उसके शोर मचाने के बाद आसपास के लोग जुट गए। इसके बाद लोगों ने सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में एक महिला को पीटते हुए घर से निकाला। पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला के साथ एक युवक को भी हिरासत में लिया।
युवक ने रुपये दिए थे, लेकिन समस्तीपुर की युवती ने उसके साथ जाने से इनकार कर दिया था तो उसकी पिटाई की जा रही थी। हिरासत में ली गई महिला ने पूछताछ के दौरान अहियापुर में कई जगहों पर सेक्स रैकेट का अड्डा चलने की बात बताई है। मुक्त कराई गई तीनों युवतियों की पुलिस काउंसिलिंग कर रही है।
हिरासत में ली गई 50 वर्षीया महिला से इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों के संबंध में पूछताछ की गई। इस आधार पर जीरोमाइल चौक के पास से पुलिस ने दो और युवकों को उठाया है। उनसे भी पूछताछ चल रही है। अहियापुर थानेदार विजय कुमार ने बताया कि जॉब के लिए रैकेट अलग-अलग शहरों में पर्चा साटता था। बेरोजगार युवतियां पर्चे पर दर्ज मोबाइल नंबर पर कॉल करती थीं, तब रैकेट से जुड़े लोग जॉब दिलाने के बहाने बुलाकर बंधक बना लेते थे।
अड्डे से आती थी रोने की आवाज
झपहां में सेक्स रैकेट के अड्डे के भंडाफोड़ के बाद मौके पर जुटे लोगों ने कहा कि अक्सर यहां पर अलग-अलग लड़कियां आतीं और कुछ दिनों के बाद चली जाती थीं। नई लड़कियों के आने के बाद उनके रोने की भी आवाज सुनाई देती थी, लेकिन पुलिस चौकी के पास गलत काम होने का शक नहीं हुआ। बुधवार को जब एक युवती चिल्लाने लगी तो आसपास के लोग जुट गए।
Source: Live Hindustan
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