अधिनियम के उपबंध 198-ए (कक) के तहत सड़क के डिजाइन में खराबी के कारण हा’दसे होने पर संबंधित कंपनी या ठेकेदार की ओर से 164 बी के अधीन गठित मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड में जु’र्माना राशि जमा करानी होगी। मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 के उपबंध 164बी के तहत केंद्र सरकार एक मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड का गठन करेगी। फंड की देखरेख केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी।

नए अधिनियम में आफत के साथ कुछ राहत के प्रावधान भी हैं। खराब सड़कों और उनकी गुणवत्ता के चलते होने वाली दुर्घटना पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। नए मोटर व्हीकल (संशोधन) एक्ट 2019 में सड़कों की गुणवत्ता के लिए निर्माता कंपनियों-ठेकेदारों को भी जिम्मेदार बनाया गया है। ऐसी सड़कों पर दुर्घटना में निधन होने या अपंग होने पर एक लाख का जुर्माना लग सकता है।

मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 के उपबंध 198-ए (1) के अनुसार यदि सड़क के डिजाइन, निर्माण या मानक के अनुसार रखरखाव में कमी के कारण कोई हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित प्राधिकरण, ठेकेदार, डिजाइन बनाने वाली संस्था, कंसल्टेंट में से जिसकी भी जिम्मेदारी होगी, उसको दोषी माना जाएगा। उपबंध 198-ए (कक) के अनुसार इनमें से किसी कमी के कारण होने वाले हादसे में मौत या अपंगता होती है तो जिम्मेदार संस्था, निर्माता कंपनी या ठेकेदार पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

पहले नहीं थे प्रावधान : इससे पहले केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में सड़क की खराब गुणवत्ता और डिजाइन के कारण होने वाले हादसों के लिए निर्माता कंपनी और ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराने संबंधी कोई प्रावधान नहीं थे।

दुर्घटना फंड में जमा होगी राशि

अधिनियम के उपबंध 198-ए (कक) के तहत सड़क के डिजाइन में खराबी के कारण हादसे होने पर संबंधित कंपनी या ठेकेदार की ओर से 164 बी के अधीन गठित मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड में जुर्माना राशि जमा करानी होगी। मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 के उपबंध 164बी के तहत केंद्र सरकार एक मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड का गठन करेगी। फंड की देखरेख केंद्र सरकार की ओर से की जाएगी।

Input : Hindustan

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