सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने देश भर में एक लाख तीस हजार किमी लंबी एनएच की सड़क की मॉनिटरिंग सैटेलाइट से कराने का फैसला लिया है। इसके लिए गुजरात के गांधीनगर स्थित भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीच्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो इन्फॉरमेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) को जिम्मेदारी दी गई है। मोर्थ ने सभी राज्यों के अपने रीजनल ऑफिस को 31 जुलाई तक तैयारी करने को कहा था। जो पूरा हो गया है। इस योजना से बिहार में पूर्ण व चल रही 51 योजनाओं की निगरानी सैटेलाइट के जरिये हो सकेगी। इसमें भागलपुर की चार पुल व सड़कें भी शामिल हैं। सैटेलाइट से निगहबानी से झारखंड की 19, यूपी की 39 व उत्तराखंड की 38 योजनाओं की जानकारी मोर्थ को मिल जाएगी।
पूरी योजना को शक्ल देने के लिए एनएचएआई के सीजीएम शिवशंकर झा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। बता दें कि देश भर में अभी एनएच सड़क निर्माण की 1079 योजनाएं चल रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस सूची में भागलपुर की चार परियोजनाओं को शामिल किया गया है। कोसी नदी पर फुलौत होते हुए बिहपुर से वीरपुर तक 1478.40 करोड़ से निर्मित होने वाली 28.92 किमी लंबे पुल व सड़क के अलावा भागलपुर में गंगा पर 1110.23 करोड़ से बनने वाली 4.46 किमी लंबी पुल व सड़क निर्माण, 477.54 करोड़ से मुंगेर-मिर्जाचौकी 50.88 किमी लंबी टू लेन एनएच 80 सड़क की मरम्मत और इसी योजना के 566.15 करोड़ से मरम्मत होने वाली जीरोमाइल से मिर्जाचौकी तक 57.26 किमी लंबी सड़क की योजना शामिल की गई है।
सेटेलाइट मैपिंग के लिए मोर्थ का सभी आरओ को निर्देश
अधिकारियों ने बताया कि फुलौत की योजना पर काम शुरू है। जबकि समानांतर पुल और एनएच-80 की मरम्मत व निर्माण कार्य के लिए टेंडर अवार्ड हो चुका है। कार्य एजेंसी से अप्वाइंटमेंट डेट नहीं मिला है। चीफ इंजीनियर (प्लानिंग) सुदीप चौधरी ने सेटेलाइट मैपिंग के लिए सभी आरओ को निर्देश दिया है कि वे सूची में अंकित सभी प्रोजेक्ट, एनएच सेक्शन के अधिकार क्षेत्र की बीआईएसएजी-एन से जीआईएस मैपिंग कराकर मोर्थ को रिपोर्ट करें। इसमें एलायनमेंट, बायपास, आरओडब्ल्यू, चैनेज आदि का जिक्र करने को कहा है।
Source : Hindustan