MUZAFFARPUR : सरकारी अव्यवस्था व फर्जी डॉक्टर के कारण अपना दोनों किडनी गंवा चुकी सुनीता को इन्साफ दिलाने के लिए लोगों ने सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाई। इस मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत व मुजफ्फरपुर के डीएम व एसएसपी सदेह उपस्थित होने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रत्यय अमृत से पीड़िता के किडनी प्रत्यारोपण पर चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी से मामले के सम्बन्ध में वर्तमान स्थिति से संबंधित रिपोर्ट मांगी थी जो अब तक नहीं मिली। इसके अलावा सुनीता को किडनी प्रत्यारोपित किए जाने की दिशा में प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद अब 13 नवंबर को तीनों को सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा- 13 के तहत तीनों को नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद बिहार सरकार के वरीय अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही। मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि पीड़िता सुनीता की हालत दिनों-दिन बिगड़ती नजर आ रही है।