मुज़फ़्फ़रपुर में किसान मानशिक और आर्थिक तंगी से जूझ रहे है.बारिश न होने के कारण किसानों को काफी पडेशानियो का सामना करना पर रह है.वही गत कुछ दिनों से किसानों को नीलगाय के आतंक से जूझना पड़ रहा है.मालूम हो कि झूंडों में आकर नीलगाय फसलों को भारी मात्रा में क्षतिग्रस्त कर रहे है.वही सूरज के तेज तपिश के कारण किसान रखवाली करने में सक्षम नहीं हैं.जिसका फरपुर फायदा नीलगाय उठा रहा हैं.बता दे कि मुज़फ़्फ़रपुर जिले के औराई,कुढ़नी,गायघाट , मोतीपुर सहित कई गांव के किसान नीलगाय के द्वारा फसल नष्ट कर देने से काफी परेशान हैं.सड़को पर नीलगाय से लगातार दुर्घटना भी बढ़ गई है.वन विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कारवाई ना होने से किशानों में आक्रोश व्याप्त है.

Credit : Madhav Kumar

वही लगातार नीलगॉय के आतंक से किसान पंकज कुमार ने बताया कि नीलगाय के आतंक से हमलोग काफी परेशान है.जब नीलगाय को भगाने जाते है,तो हमलोग पर ही हमला कर देता है.नीलगाय झुंड में रहती है.जिससे छोटे बच्चे पर हमेशा खतरा बना रहता है.आए दिन सड़क पर बाईक सवार दुर्घटना का शिकार होते रहते है.बता दे कि खेतों में तेलहन, हरी सब्जी, मूंग, आलू की खेती, नीलगाय के द्वारा प्रतिदिन नष्ट कर दी जा रही है.

वही गॉव के किशान ने बताया कि वन विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कारवाई नही की रही है. लगातार सड़क दुर्घटना बढ़ती नजर आ रही है.जिससे किशान परेशान व आक्रोशित है. किशानों को लागत के अनुसार फसल नही उपज रहा है.नीलगाय पुरी फसल को बर्बाद कर देते है.वही मारने पर जवाबी हमला भी करते है.

वही मामले को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी डाक्टर कृष्ण कुमार वर्मा ने बताया कि लगातार जंगली जानवरों के द्वारा फसल क्षती करने का मामला सामने आ रहा है.जिससे किशानों को फसल में काफी नुकसान हो रहा है.जहॉ तक किशानों पर हमला भी कर दिया जाता है.जिससे किशानों को फसल क्षती और नीलगॉय के आतंक से बचाव को लेकर सरकार द्वारा लाभदायक प्रक्रिया निकाली गई है. जिसमें फसल क्षती होने पर प्रखंड स्तर के सीओ को आवेदन करना है.

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