बिहार की नीतीश सरकार ने सरकारी नौकरी देने के मामले में देश में कीर्तिमान रच दिया है। बीते 70 दिनों को भीतर 2 लाख से ज्यादा शिक्षकों की बहाली की है। देश में ऐसा पहली बार हुआ है। जब दो विज्ञापनों से इतनी बड़ी तादाद में सरकारी नौकरी युवाओं को मिली हों। नीतीश सरकार ने शनिवार को 96,823 युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर उन्हें शिक्षक बना दिया। पटना गांधी मैदान में नवनियुक्त 26,925 शिक्षकों को आमंत्रित कर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने हाथों से नियुक्ति पत्र दिया।
इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमने 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने अबतक 3.63 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दे दी है, जबकि पांच लाख लोगों को रोजगार मिल चुका है। शेष युवाओं को नौकरी व रोजगार देने का लक्ष्य डेढ़ वर्षों में पूरा कर लेंगे।
उन्होने दावा किया कि हम 10 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दे देंगे। सीएम कहा कि शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों के रिक्त पद भी शीघ्र भरे जाएंगे। 2767 नए विद्यालयों के भवन निर्माण की योजना को स्वीकृति दी गयी है, जबकि सरकारी विद्यालयों में 3530 अतिरिक्त कक्षा निर्माण की योजना भी मंजूर की गयी है। इन पर 7530 करोड़ खर्च होंगे। उन्होंने सरकारी विद्यालयों में सभी सुविधाएं मुहैया कराने का संकल्प फिर से दोहराया।
ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र यादव ने कहा कि एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति कर बिहार ने इतिहास रच दिया है। इतने कम समय में इतनी बड़ी नियुक्ति की कल्पना भी नहीं की जा सकती पर सीएम नीतीश कुमार ने इस कल्पना को हकीकत बना दिया। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए यह बड़ा और प्रभावी कदम है।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि शिक्षकों ने चयनित होकर अपनी पात्रता साबित की है। उन्होंने अपनी मेधा और योग्यता प्रमाणित की है। अब कोई शिक्षकों की योग्यता पर सवाल नहीं उठा सकेगा। लेकिन, उनके ऊपर बड़ी जवाबदेही भी है। मंत्री ने कहा कि अब शिक्षकों को अपनी निष्ठा दिखानी है। पहले तो उन्हें यह अवसर प्रदान करने और नियुक्ति करने वाले का ध्यान रखना है।
शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने कहा कि हमारी सरकार नौकरी बांट रही है और कुछ लोग नफरत बांट रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार काम में विश्वास करते हैं। उनके नेतृत्व में हर क्षेत्र में बिहार विकास कर रहा है। कहा कि केन्द्र बिहार को मदद नहीं कर रहा है। योजनाओं की राशि में भारी कटौती की जा रही है। यदि केन्द्र बिहार को विशेष दर्जा देती या फिर विशेष पैकेज, तो बिहार देश का अव्वल राज्य होता।
वहीं उत्साही नवनियुक्त शिक्षकों ने भी ठंड को बेअसर कर दिया था। इन्हें गर्मी का अहसास हो रहा था। वहीं नौकरी पाने की खुशी सबके चेहरे पर साफ तौर पर झलक रही थी। कई महिला अभ्यर्थी की आंखों से खुशी के आंसू छलक रहे थे। वहीं कई ऐसे भी उत्साही शिक्षक पंडाल में दिखे, जिन्हें दोहरी खुशी मिली थी। पहले चरण में उन्हें माध्यमिक में नियुक्ति हुई थी।
वहीं दूसरे चरण में उच्च माध्यमिक शिक्षक बन गए। वहीं शिक्षिकाएं तो उत्साहित थीं। वहीं कई कुंवारे युवा जिन्हें नियुक्ति पत्र मिला वे आगे शादी तैयारी को लेकर खुशी का इजहार कर रहे थे। गांधी मैदान में 25 हजार से अधिक शिक्षक नियुक्ति पत्र लेने आए थे। कई अभ्यर्थी तो इतनी जल्दी परीक्षा व रिजल्ट के बाद नियुक्ति किये जाने पर सरकार का तहे दिल शुक्रिया अदा कर रहे थे।
Source : Hindustan