उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल से सुरक्षित निकाले गए बिहार के पांच मजदूरों को राज्य सरकार अपने खर्चे पर लेकर आएगी। उनको सुरक्षित बिहार लाने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने एक अधिकारी को उत्तराखंड भेजा गया है। विभाग के अनुसार टनल से सुरक्षित निकाए गए पांचों श्रमिकों को बिहार लाने के लिए दिल्ली से एलईओ को भेजा गया है जो देर रात ऋषिकेष, एम्स पहुंच गए। उत्तराखंड भेजे गए श्रम अधिकारी को कहा गया है कि बिहार के सभी श्रमिकों को लाने के लिए वे समुचित व्यवस्था करें। मिली जानकारी के अनुसार श्रमिकों ने विकट परिस्थितियों में टनल में काफी कुछ सहा है। इसलिए विभाग इन्हें नियमानुसार पुरस्कृत भी करेगी और सम्मान भी करेगी।

दरअसल, दिवाली के दिन सुबह उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल के अंदर मिट्टी धंसने 41 मजदूर फंस गए थे। इनमें पांच मजदूर बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। सभी मजदूरों को कड़ी मशक्कत के बाद बीते मंगलवार को टनल से सुरक्षित बाहर निकाला गया। 17 दिनों तक सभी मजदूर टनल के अंदर ही जिंदगी और मौत से जूंझते रहे। टनल से निकाले जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स लाया गया है। सभी की सेहत ठीक है।

इस बीच कुछ मजदूर के परिजन ने आरोप लगाए हैं कि बिहार सरकार के प्रशासन की ओर से किसी ने भी इतने दिन खोज खबर नहीं ली। इस पर राजनीति भी हो रही है। मंत्री श्रवण कुमार ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि टनल हादसे के बाद नीतीश सरकार इस पर नजर बनाए हुए थी। यहां के अधिकारी लगातार वहां संपर्क कर रहे थे। राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर संवेदनशील रुख अपनाती है।

Source : Hindustan

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