बिहार में नगर निकाय चुनाव पर लगी रोक को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. मामला सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में नगर निकाय का का चुनाव रद्द होना आश्चर्यजनक है. बिहार में 1978 से यह आरक्षण लागू है. हमने 2006 में इसमें ईबीसी को जोड़कर आरक्षण दिया था. नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के सहमति से आरक्षण दिया गया था. उस समय विभाग के मंत्री डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ही थे.
नीतीश कुमार ने बीजेपी पर हमला बोलते कहा कि बीजेपी पिछड़ा विरोधी हो गई है. पिछड़ा विरोधी होने के कारण ही बीजेपी के नेता आज ऐसा बयान दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि आज किस मुंह से बीजेपी इसका विरोध कर रही है. इसी आरक्षण रोस्टर पर बिहार में चार पंचायत चुनाव और तीन नगर निकाय चुनाव हो चुके हैं. इसी आधार पर इतने चुनाव हुए तो इस बार क्या परेशानी सामने आ गई. नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले को लेकर हम फिर से अनुरोध करेंगे.
मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में होने वाला नगर निकाय चुनाव फिलहाल टल गया है. पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. बिहार में चुनाव टलने के बाद से ही बीजेपी के नेता जेडीयू पर हमलावर हैं और नीतीश कुमार को लगातार इस प्रकरण के लिए दोषी बता रहे हैं.
मालूम हो कि बिहार में दो चरणों में नगर निकाय के चुनाव होने थे. पहले चरण की वोटिंग 10 अक्टूबर जबकि मतों की गिनती 12 अक्टूबर को होनी थी वहीं दूसरे चरण की वोटिंग 20 अक्टूबर जबकि मतों की गिनती 22 अक्टूबर को होनी थी.
Source : News18