जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष एवं मुंगेर से सांसद ललन सिंह ने लोकसभा में विपक्ष पर करारा हमला बोला। मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं वे डेढ़ साल एनडीए से बाहर रहे, फिर भी ईडी और सीबीआई उनके घर नहीं पहुंची। उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार करेंगे तो उसका फल मिलेगा ही। ललन सिंह ने कहा कि बीते 10 सालों में सदन के अंदर किसी घोटाले की चर्चा नहीं हुई, जबकि यूपीए कार्यकाल में हर दिन घोटाले पर बहस होती थी।
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लोकसभा में जेडीयू के नेता ललन सिंह ने मोदी सरकार के श्वेत पत्र पर शुक्रवार को अपनी बात रखी। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। श्वेत पत्र में पिछली यूपीए सरकार में हुए घोटालों और आर्थिक कुप्रबंधन का जिक्र है। ललन सिंह ने इस पर कहा कि 2004 से 2014 के बीच जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, तब सदन में एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरता था कि किसी घोटाले पर चर्चा न हो। यूपीए कार्यकाल में कई घोटाले हुए उनमें कोयला घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, स्पैक्ट्रम घोटाला, रक्षा घोटाला अहम है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि शारदा चिट फंड घोटाला भी यूपीए राज में ही हुआ। इसमें मजदूर और मध्यम वर्ग के लोगों का पैसा डूब गया।
ललन सिंह ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि बीते 10 सालों में विपक्ष सदन के अंदर किसी घोटाले की चर्चा नहीं कर पाया है। जबकि पहले यह आम बात हुआ करती थी। विपक्ष बस घूम फिरकर सीबीआई और ईडी पर आ जाता है। जेडीयू सांसद ने कहा कि वह डेढ़ साल एनडीए से अलग रहे, लेकिन उनके यहां कोई भी केंद्रीय एजेंसी नहीं पहुंची। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के सूत्रधार थे, फिर भी उनके यहां सीबीआई-ईडी नहीं पहुंची।
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए। अगर भ्रष्टाचार करेंगे तो उसका फल मिलेगा ही। कांटा गढ़ेगा ही। मीठा आम से कहां मिलेगा। यही तथ्य है।
Source : Hindustan