शहर के अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों द्वारा आग की अनदेखी की जा रही है। शहर के कई स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग संस्थान घनी एवं संकरी बस्ती स्थित बहुमंजिले भवन में चल रही है। अधिकांश के पास फायर फायटिंग की सुविधा नहीं। धनी बस्ती एवं संकरी गली के कारण आगे लगने पर आग बुझाने वाली गाड़ी वहां तक नहीं पहुंच सकती। ऐसे में आग लगने पर बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिला अग्निशमन विभाग के पास बहुमंजिले भवन में लगी आगे बुझाने की सुविधा नहीं है।

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वह तीस मीटर से उपर लगी आग को बुझाने में अक्षम साबित होगी। जबकि शहर के कई शैक्षणिक संस्थाएं बहुमंजिले भवन में अग्निशमन विभाग की पहुंच से उपर चल रहे है। शैक्षणिक संस्थाओं की लापरवाही पर न अग्निशमन विभाग और न ही नगर निगम कार्रवाई कर रहा है। दोनों लापरवाही आग लगने पर शहरवासियों को भारी पड़ेगी।

ऐसे संकरी गलियों में बहुमंजिले भवनों के निर्माण का नक्शा पास करने में निगम एवं बिना फायर फायटिंग चल रहे स्कूलों पर शिकंजा सकने में अग्निशमन विभाग की लापरवाही हजारों छात्र-छात्राओं के जीवन के साथ खेलना है। आग से बचाव की दिशा में अग्निशमन विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि मुश्किल स्थिति में स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राएं अपने आप को सुरक्षित करने के अलावा दूसरों को भी मदद कर सके।

Input : Dainik Jagran

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