नगर निगम कर्मचारियों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। दो माह से उनको वेतन नहीं मिल रहा है। तीसरा माह भी समाप्त होने को है। वेतन नहीं मिलने से राशन-पानी से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित है। कर्मचारी न तो राशन दुकान की उधारी चुका पा रहे हैं और न बच्चों की स्कूल फीस जमा कर पाए हैं। वहीं, किराया में मकान में रहने वाले कर्मचारियों पर मकान मालिक किराया जमा करने का दबाव बढ़ रहा है।

नगर निगम कर्मचारी संघ के नेता सतेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि निगम कर्मचारियों को पेट नहीं होता तभी तो अधिकारियों ने अपना वेतन समय से ले लिया है लेकिन निगम कर्मचारियों के वेतन के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों में निगम प्रशासन के खिलाफ गुस्सा बढ़ते जा रहा है जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।

वहीं कामगार यूनियन के नेता अशोक राय ने कहा कि वेतन नहीं मिलने से परिवार की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन को इस बात की जरा भी चिंता नहीं की कर्मचारियों का परिवार कैसे चलेगा। उन्होंने कहा कि यदि निगम प्रशासन ने उनके वेतन का भुगतान नहीं किया तो कर्मचारी काम ठप कर देंगे।

वेतन भुगतान में हो रही लापरवाही

नगर निगम कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं करने में व्यापक स्तर पर लापरवाही सामने आई है। भुगतान के अभाव में कर्मचारियों की कई समस्या बढ़ गई है। अगर जल्द ही इनका भुगतान नहीं किया जाता है तो परेशानियां ज्यादा बढ़ जाएगी।

Input : Dainik Jagran

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