भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने साफ किया है कि गरीब रथ (Garib Rath) ट्रेन को चलाने से रोकने का कोई प्रस्ताव नहीं है. पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने इस ट्रेन की शुरुआत की थी. इससे खास तौर पर गरीबों और लोअर मिडिल क्लास (Lower Middle Class) को सस्ते में एसी (AC) रेल यात्रा कराने के लिए चलाया गया था.
रेल मंत्रालय ने दी सफाई
पहले खबर आई थी कि रेल मंत्रालय इस ट्रेन को बंद कर सकता है. हालांकि शुक्रवार को रेल मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी कहा कि ट्रेन को चलाने से रोकने का कोई प्रस्ताव नहीं है. अगर मंत्रालय कोई फैसला लेता है तो इसके बारे में यात्रियों को पहले से सूचित किया जाएगा. फिलहाल इंडियन रेलवे 26 जोड़ी गरीब रथ ट्रेन चला रहा है.
2005 में हुई थी शुरू
गरीब रथ को 2005 में शुरू किया गया था. इसका किराया मेल या एक्सप्रेस ट्रेन के AC बर्थ के किराए से कम होता है. इसमें सिर्फ चेयर कार और थ्री टियर (78 सीट) वाले डिब्बे होते हैं. गरीब रथ में सफर करने वाले मुसाफिरों को कम्बल, तकिया और चादर नहीं दी जाती.
राजधानी के बराबर जलवा
एक समय था जब ये ट्रेनें सुपर फास्ट ट्रेनों से ज्यादा प्राथमिकता वाली ट्रेन थी. इसकी अधिकतम गति 140 किमी प्रति घंटा है यानि राजधानी (Rajdhani) और दूरंतो (Duronto) के बराबर है.
बिहार से चली थी पहली ट्रेन
पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने सबसे पहली गरीब रथ सहरसा (बिहार) से अमृतसर (पंजाब) तक चलाई थी. इसका नाम सहरसा अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस (Saharsa Amritsar Garib Rath Express) है.
Input : Zee News