नगर निगम क्षेत्र में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण कंट्राेल करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पर्व त्याेहार एवं अन्य अवसराें पर लाउडस्पीकर के उपयाेग व पटाखा छाेड़ने के कारण ध्वनि व वायु प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है। ऐसे में नगर निगम क्षेत्र में रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच ध्वनि प्रदूषण के मानक का उल्लंघन किया गया तो आयोजकों के साथ-साथ आयोजन स्थल के संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिहार नगर पालिका एक्ट के तहत ध्वनि एवं वायु प्रदूषण काे नियंत्रित करने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन काे दी गई है।
उच्च तीव्रता वाले हाॅर्न लगाने और शाेर करने वाले वाहनाें पर भी हाेगी कार्रवाई
विभाग की ओर से यह भी जानकारी दी गई है कि ध्वनि व वायु नियंत्रण करने के संबंध में न्यायालय की ओर से आदेश दिया जाता रहा है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हाेता है। ऐसे में नए निर्देश काे सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। ध्वनि स्तर के मानक और कार्रवाई के लिए इंड्रस्ट्रियल एरिया, वाणिज्यिक क्षेत्र, आवासीय व शांत क्षेत्र में बांटा गया है। इसके अलावे वन्यप्राणी वाले क्षेत्र काे ईकाे सेंसिटिव जाेन बताया गया है। साथ ही वाहनाें में उच्च तीव्रता वाले हाॅर्न व शाेर करने वाले वाहनाें पर भी कार्रवाई हाेगी।
नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से नगर आयुक्त को जारी की गई गाइडलाइन
इस संदर्भ नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने सभी नगर आयुक्त काे गाइडलाइन जारी की है। जिसमें लाउडस्पीकर एक्ट का हवाला देते हुए कार्रवाई की बात कही गई है। वहीं नगर निगम प्रशासन काे शांत क्षेत्र का बाेर्ड लगाना है। इस क्षेत्र में सभी शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, नर्सिंग हाेम, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, प्राेटेक्टेड माॅन्यूमेंट व आर्किलॉजिकल स्थल काे शांत क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। इन क्षेत्राें में लाउडस्पीकर, लाेक संबाेधन प्रणाली, शाेर उत्पन्न करने वाला यंत्र, भाेपू निर्माण, मशीन का उपयाेग व पटाखे छाेड़ना दिन में भी वर्जित है।
Input : Dainik Bhaskar