101 किमी की मुजफ्फरपुर- सुगौली रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना के तहत मुजफ्फरपुर व महवल के बीच 33 किमी लंबी रेल लाइन निर्माण में तेजी आयेगी। दोनों स्टेशनों तक रेल लाइन के निर्माण के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए) की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में परियोजना पर किसी तरह की आपत्ति से इंकार किया है। एसआईए के एनओसी से परियोजना जल्द पूरी होने के आसार है। पटना के एक संस्थान ने सर्वे कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी है।
एसआईए की रिपोर्ट से भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। रिपोर्ट आने के बाद पूर्व मध्य रेल के डिप्टी चीफ इंजीनियर (निर्माण) दीपक कुमार अम्बष्ठ ने डीएम प्रणव कुमार को पत्र लिखा है। डीएम से मुजफ्फरपुर व महवल के मध्य डबल लाइन परियोजना पूरी करने के लिए 38.1 एकड़ जमीन की मांग की है। उन्होंने बताया है कि यह परियोजना रेलवे की उच्च प्राथमिकता में शामिल है। सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी निगरानी की जा रही है। रेलवे बोर्ड ने नवंबर 2022 तक परियोजना पूरी करने का समय तय किया था। लेकिन, जमीन अधिग्रहण नहीं होने से तय समय पर परियोजना पूर्ण नहीं हो सकी है। दो सदस्यीय समिति अधिग्रहण होने वाली भूमि का निरीक्षण कर चुकी है। लेकिन अबतक रेलवे को जमीन नहीं सौंपी जा सकी है।
दोहरीकरण से बढ़ेगी ट्रेनों की गति
दोहरीकरण होने से इस रेलखंड पर ट्रेनों की गति बढ़ेगी। परियोजना के अधीन आने वाले चकिया- पीपरा- जीवधारा के मध्य बनी नई रेल लाइन का सीआरएस (रेल संरक्षा आयुक्त) सुवोमोय मित्रा ने 29 मार्च को निरीक्षण किया था। पूर्व में 15 किमी लंबी महवल से चकिया तक डबल लाइन निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
परियोजना पर 2402 करोड़ खर्च कर रहा रेलवे
मुजफ्फरपुर- वाल्मिकीनगर रेलखंड दोहरीकरण परियोजना दो हिस्सों में बांटी गई है। एक में मुजफ्फरपुर- सुगौली व दूसरे हिस्से में सुगौली- नरकटियागंज शामिल है। मुजफ्फरपुर से वाल्मीकिनगर के रास्ते गोरखपुर तक डबल लाइन बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है। वाल्मीकिनगर के आगे गोरखपुर तक डबल लाइन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के स्तर से कार्य चल रहा है। मुजफ्फरपुर- वाल्मीकिनगर रेल लाइन दोहरीकरण पर दो हजार 402 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
Source : Hindustan